खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की लापरवाही, करोड़ों रुपयों का सरकारी गेंहू हुआ खराब

7/18/2021 12:32:35 PM

करनाल(विकास): करनाल में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग  की लापरवाही  से करोड़ों रुपयों का सरकारी गेंहू हुआ खराब,  वही गोदाम में रखे गए गेंहू के कट्टो के वजन में शॉर्टेज भी मिली है।  खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने असंध में इंस्पेक्टर कपिल जाखड़ के नेतृत्व में वर्ष 2019-20 में साढ़े सात लाख कट्‌टे गेहूं खरीदे थे।सरकारी गेंहू का भंडारण उचित नहीं करने के कारण करीब साढ़े 14 हजार कट्‌टे में गेहूं खराब हो गया।

इस गेहूं को चैक करने के लिए एफसीआई की टीम पहुंची और गेहूं खाने लायक नहीं रहने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद स्टॉक का तोल चैक किया गया तो उसमें भी गेहूं शॉर्टेज मिल गया। करीब 5 हजार क्विंटल गेहूं खराब एवं शॉर्टेंज है। 2300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से विभाग रिकवरी करता है। विभाग के अनुसार यह गेहं करीब एक करोड़ 15 लाख रुपए का बनता है। ऐसे ,में बड़ा सवाल यह है कि इतनी मोटी रकम की रिकवरी कैसे की जाएगी है।


सरकारी गोदाम में  रखा गया गेंहू अब इंसान तो क्या पशुओ के खाने लायक भी नहीं बचा।  विभाग की अनदेखी के कारण अनाज जहर में तब्दील हो चूका है। इस मामले ने कई बड़े सवाल खड़े किये है कि करोडो रूपये का अनाज बर्बाद होने का जिम्मेवार कौन है। यह गेंहू कैसे खराब हुआ, क्यों हुआ, देखरेख क्यों नहीं की गई, कच्ची प्लेटी पर गेंहू स्टॉक क्यों रखा गया, 50 किलो के कट्‌टे 43 से 47 किलोग्राम के क्यों मिल रहे हैं समेत अनेक सवालों की जांच में गंभीर लापरवाही मिली है। असंध में जो गेंहू खराब हुआ है, वह 2019-20 में ही लगाया है।

दो साल में ही गेंहू खराब होना बहुत बड़ी लापरवाही का कारण है। सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है। स्टॉक रखने के लिए नियम हैं कि स्टॉक को पक्की प्लेटी पर ही रखा जा सकता है। कच्ची प्लेटी में पानी निकासी नहीं हुई और जमीन में भी प्लेटी धंस गई। फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर इंस्पेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।  गोदाम में रखा गेंहू ख़राब होने के बारे में विभाग के चौकीदार का कहना है कि कच्ची भूमि पर लगाई गई लकड़ियों की रैक धंस गई जिससे निचली सतह की बोरिया ख़राब हुई है।  वही गेंहू के चट्टों को ढकने के लिए पुरानी तिरपाल दी गई थी जिस कारण बरसात से गेंहू प्रभावित हुई।  

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Content Writer

Isha