60 वर्षो से मिट्टी के दिए बना रहे परिवार के चेहरे पर आई रौनक,  स्वदेशी अपनाओ अभियान से मिलेगा फायदा

9/13/2020 1:27:39 PM

टोहाना(सुशील): उपमंडल के गांव डांगरा का रहने वाला कुम्हार परिवार पिछले लगभग 60 वर्षो से मिट्टी के सुंदर-सुंदर दिए व अन्य सामान बनाकर अपने परिवार का गुजर बसर कर रहा है, चाईनीज सामान के बहिष्कार के बाद से इस परिवार को इस बार पहले से अधिक काम होने की आस जगी है। ग्रामीण तुलसीराम अपने बेटे कृष्ण कुमार की मदद से दो माह से दिए व अन्य सामान बना रहा है ताकि इस बार की दीवाली पहले से ओर अधिक अच्छी बन सके। गांव डांगरा में एकमात्र कुम्हार परिवार होने के चलते गांव डांगरा, लोहाखेड़ा, बिढाईखेडा व शहर के अनेक लोग तुलसीराम के परिवार के लोगों द्वारा बनाए सुंदर दियों को खरीद कर ले जाते है। 

पूर्वजोंं के समय से करते है आ रहे है यहीं काम  
इस बारे जानकारी देते हुए तुलसीराम ने बताया कि उनके पिता लीलूराम व माता भोली देवी अपने समय में बहुत सुंदर-सुंदर दिए, (कुल्हडी)मटकी, लोट, करवे बनाते थे जिसे दूर-दूर से लोग खरीदने के लिए आते थे। उन्होंने बताया कि अपने माता-पिता से काम सीखने के बाद वे इस काम को कर रहे है अब उनके बच्चे कृष्ण ने इस काम को संभाल लिया है। उन्होंने बताया कि मिट्टी लाकर वे उसके टुकडे करने के बाद मिट्टी को भिगोकर रखते है जिसके बाद वे उस मिट्टी से दिए, लोट, करवे, कुल्हडी व बच्चों के गुल्लक बनाते है जिसे लोग उनके घर से खरीदकर ले जाते है। 

इस बारे में तुलसीराम के बेटे ने बताया कि कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके दादा-दादी के समय में मिट्टी के बर्तन, दियो व अन्य सामान की पूरी मांग होती थी लेकिन चाईनीज लडिय़ो के आने के बाद उनकी मांग कम हुई तो दिक्तों का सामना करना पड़ा। कृष्ण ने बताया कि मोदी सरकार के आने के बाद लोगों में स्वदेशी वस्तुओं के प्रति ध्यान गया तथा उनकी खरीद बढी जिसके चलते अब उनका काम दो से तीन गुणा अधिक हो गया है। कृष्ण ने बताया कि इस बार उन्होंने दो महीने पहले दिए व अन्य सामान बनाने का काम शुरू किया गया ताकि सामान की पूर्ति की जा सके। 

एक लाख से अधिक बिकते है दिए
इस बारे में कृष्ण ने बताया कि दीवाली के त्यौहार के आने से पहले वे काम शुरू कर देते है जिसके चलते उनके एक लाख दिए, 3000 से अधिक कुल्हडी, मिट्टी के करवे 5000 सहित अन्य सामान बेचते है जिससे वे अपने परिवार का गुजर बसर करते है। उसने बताया कि उनके घर आकर अनेक गांव व शहर के लोग आकर सुंदर दिए लेकर जाते है वे स्वंय सुंदर डिजाईनिंग करते है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करे ताकि देश के लोगों को रोजगार मिले व देश का रूपया देश मे ही रहे। 

Isha