अस्पताल की मनमानी: बिल नहीं चुकाने पर मरीज को 6 दिन तक बनाया बंधक, डी.सी के कहने पर छोड़ा

9/27/2022 10:31:11 AM

रेवाड़ी : बावल स्थित एक कम्पनी में ड्यूटी करते समय अचानक तबीयत बिगडऩे पर कम्पनी ने कर्मचारी को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाकर अपना पीछा छुड़ा लिया लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर उसे 80 हजार रुपए का बिल थमा दिया, जिसे नहीं चुकाने पर उसे अस्पताल में ही रोक लिया गया।

 यू.पी. निवासी महेन्द्र कुमार की पत्नी पिंकी ने बताया कि 14 सितम्बर को ड्यूटी के दौरान पति की अचानक तबीयत बिगड़ गई। कम्पनी ने उसे रेवाड़ी शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवा दिया लेकिन इसके बाद उसकी कोई सुध नहीं ली। अस्पताल ने इलाज का 80 हजार रुपए का बिल बना दिया। 20 सितम्बर को उनके पति बिल्कुल स्वस्थ हो गए लेकिन अस्पताल ने बिना बिल चुकाए डिस्चार्ज करने से इंकार कर दिया जिसके चलते उन्हें 6 दिन तक अस्पताल में ही बंधक बनाए रखा गया। तत्पश्चात यह बिल बढ़कर 1.50 लाख रुपए हो गया।

अपने पति को अस्पताल से मुक्त करवाने के लिए वह श्रमिक अधिकारी, पुलिस थाने गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तत्पश्चात वह पीड़ित लोगों की मदद करने वाले सामाजिक कार्यकत्र्ता व एडवाकेट कैलाशचंद से मिली। कैलाशचंद पिंकी को लेकर जिला उपायुक्त से मिले और सारे हालात से अवगत करवाया। उपायुक्त ने तुरंत कड़ा संज्ञान लेते हुए सी.एम.ओ. व प्राइवेट अस्पताल के संचालक को फोन किया और आधे घंटे में मरीज को डिस्चार्ज करने के आदेश दिए। तब कहीं जाकर सोमवार को महेंद्र को अस्पताल से छुट्टी मिली।
 

Content Writer

Isha