हरियाणा में पहली बार ३ मदर एंड चाइल्ड हेल्थ सेंटर होंगे स्थापित

6/24/2019 8:55:03 AM

चंडीगढ़ (अर्चना): हरियाणा ने मातृ और शिशु सुरक्षा दर में खुद को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम उठा लिया है। राज्य में पहली बार मदर एंड चाइल्ड हैल्थ सैंटर बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हरियाणा के स्वास्थ्य सेवा विभाग ने यह सैंटर शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके  लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर बजट खर्च करेंगी। एक सैंटर पर करीब 60 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। बच्चों की गर्भ में देखभाल, डिलीवरी और डिलीवरी के बाद देखभाल तथा बच्चे को जन्म देने वाली महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के उद्देश्य से बनाए जाने वाले इन सैंटर्स का काम छह महीने में शुरू हो जाएगा। हरियाणा में ऐसे तीन सैंटर बनाए जाएंगे। 

पंचकूला, पानीपत और मेवात के जिला अस्पतालों के साथ ही सैंटर की बिल्डिंग खड़ी की जाएगी। इन सैंटर्स के लिए डाक्टर, नर्सेज, पैरामैडीकल स्टाफ इत्यादि की नियुक्तियां अलग से की जाएंगी। इसके अलावा अत्याधुनिक मशीनों की खरीददारी भी की जाएगी। न्यूबोर्न सिक यूनिट को भी अपग्रेड किया जाएगा, ताकि शिशु मृत्यु दर में गिरावट आ सके। सैंटर के साथ हरियाणा के पेडिएट्रिक, गायनीकोलॉजी एक्सपटर््स को भी सैंटर के साथ जोड़ा जाएगा।  

मातृ मृत्यु दर में आई गिरावट
हरियाणा में पिछले कुछ सालों की तुलना में मातृ मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2004-06 में हरियाणा में मातृ मृत्यु 186, वर्ष 2007-09 में 153, 2010-12 में 146, 2011-13 में 127, 2014-16 में 101 हो गई है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक राज्य में मातृ मृत्यु दर 70 तक पहुंच जाए। अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा के अस्पतालों में बढ़ रही डिलीवरीज की वजह से मातृ मृत्यु दर में गिरावट देखने को मिल रही है और यही स्थिति शिशु मृत्यु दर की भी है।

अस्पतालों में होने वाली डिलीवरी नवजातों को भी संक्रमण से दूर रखती है। साथ ही समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों को विशेष मैडीकल केयर दी जाने लगी है। पंचकूला की गायनीकोलॉजी विशेषज्ञ एवं सीनियर मैडीकल ऑफिसर डा. अनिता सोनी का कहना है कि जल्द ही मदर एंड चाइल्ड हैल्थ सैंटर के लिए बिल्डिंग का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। प्रत्येक सैंटर 100 बैड का होगा। सैंटर का उद्देश्य जच्चा-बच्चा सुरक्षा है। उनका कहना है कि प्रीमैच्योर बच्चों को मैडीकल केयर मिल सके। उन्हें नियो नेटल सिक केयर यूनिट में रखकर उनके स्वस्थ जीवन की नींव रखी जा सके, इसके लिए मां-बच्चों के लिए अलग सैंटर की स्थापना बहुत जरूरी है। 

कोख में बच्चों को रखा जाएगा बीमारियों से दूर 
हरियाणा के डायरैक्टर हैल्थ सॢवस डा. प्रवीण सेठी का कहना है कि राज्य में पहली बार तीन मदर एंड चाइल्ड हैल्थ सैंटर बनाने का फैसला किया गया है, ताकि गर्भवती की गर्भावस्था सुरक्षित रहे, उसकी कोख में पलने वाले बच्चे को बीमारियों से बचाया जा सके और उसे सुरक्षित जीवन दिया जा सके। डा. सेठी का कहना है कि हरियाणा ने कुछ महीनों पहले ही हाई रिस्क प्रैग्नेंसी पोर्टल भी लांच किया था, ताकि हाई रिस्क प्रैग्नेंट महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद 42 दिनों तक डाक्टर्स की नजर में रखा जा सके और उनके बीमार होने या संक्रमण ग्रस्त होने पर उन्हें तुरंत इलाज मिल सके। नए सैंटर्स भी उसी लिहाज से स्थापित किए जा रहे हैं। 
 

Naveen Dalal