शहीद बलजीत सिंह के अंतिम दर्शन करने उमड़ी भीड़, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

2/13/2019 12:36:04 PM

करनाल(विवेक राणा): जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुए जवान बलजीत सिंह (35) का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव डिंगर माजरा पहुंचा। गांव में लोगों ने भारत माता के जयकारों के साथ शहीद के अंतिम दर्शन किए। गतदिवस शहीद हुए बलजीत सिंह का पार्थिव शरीर जम्मू- कश्मीर से हेलीकॉप्टर द्वारा अंबाला कैंट लाया गया था। आज शहीद बलजीत सिंह के अंतिम दर्शन के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा और उसके अंतिम दर्शन किए। वहीं इस मौके पर पूरे गांव के लोगों की आंखें नम दिखाई दी। 

करनाल के गांव डिंगर माजरा के बलजीत सिंह 50 राष्ट्रीय राईफल में हवलदार के पद पर तैनात थे. उनकी उम्र 35 वर्षीय थी. श्रीनगर के पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वो शहीद हो गए।

सेना के जवानों को पुलावामा के पास तीन आतंकवादियों के घुसे होने की सूचना पहुंची, तो वह अपने साथी जवानों के साथ आतंकवादियों की घेराबंदी के लिए पहुंचे. इस दौरान आतंकवादियों को सेना के निकट आने की भनक लग गई और अपनी ओर से अंधेरे में फायर शुरू कर दिए. इधर हवलदार बलजीत अपने ऑफिसर जेसीओ के साथ सर्च अभियान की अगुवाई में शामिल थे।

इस मुठभेड़ में बलजीत ने एक आतंकवादी को फायर कर मार गिराया, लेकिन सामने से आतंकवादियों की फायरिंग में बलजीत सिंह को दो गोली लगी और एक अन्य साथी सिपाही को गोली लगी, जिसके बाद साथी सैनिक तुरंत सेना के अस्पताल दोंनो गोली लगने से घायल जवानों को लेकर पहुंचे।

लेकिन तब तक हवलदार बलजीत और उसका दूसरा साथी सिपाही शहीद हो चुके थे. जनवरी 2002 में हवलदार बलजीत सिंह 2 मैक इनफैंटरी में भर्ती हुए थे. महाराष्ट्र के अहमदनगर में ट्रेनिंग की थी. इसके बाद अपनी अच्छी फिटनेस के चलते हवलदार बलजीत ने एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की थी। 

Deepak Paul