हुड्डा ने भाजपा सरकार को लिया आड़े हाथ तो खेमका के मामले में विज ने साधा निशाना

11/3/2017 2:01:50 PM

चंडीगढ़ (बंसल):पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य में पांच ‘क’ की सरकार है। बढ़ता कर्जा, क्रप्शन, कास्टीजम, क्राइम और कैंसर की बीमारी का राज्य में बोलबाला है। 2014-15 में जब हमने सत्ता छोड़ी तो राज्य पर 70 हजार 931 करोड़ रुपए का कर्ज था। अब 2017-18 में यह बढकऱ 1 लाख 41 हजार 854 करोड़ पहुंच चुका है। सरकार तो कर्जा लो और घी पीओ की कहावत पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बदलते हरियाणा में पुरानी योजनाओं, शहरों, गांवों के नाम बदले गए और इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने अपने नाम के आगे खट्टर हटाकर स्वयं का नाम बदलने का काम किया है।

हुड्डा आज एम.एल.ए. फ्लैट में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब स्वर्ण जयंती के नाम पर सरकार ने 1600 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। यह पूछने पर कि सी.एम. ने तो दावा किया है कि कुल 100 करोड़ में से भी 40 करोड़ ही खर्च हुए हैं तो हुड्डा ने कहा, अगर सरकार सही है तो श्वेत पत्र जारी करे। उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती के फंड की जांच होनी चाहिए कि किस-किस को बांटा गया।  हिसार में स्वर्ण जयंती के समरोह में खाली कुर्सियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ताली बजाने के लिए लोग भी किराए पर ले जाते। हुड्डा ने कहा ग्वाल पहाड़ी मामले में हजारों करोड़ का घोटाला किया गया। गुरुग्राम में मैट्रो का रूट बदला गया, इसमें भी हजारों करोड़ का खेल हुआ है। 

चौटाला बड़े भाई जैसे, 83 वर्ष की उम्र में झूठ नहीं बोलना चाहिए: हुड्डा
जे.बी.टी. भर्ती घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के हुड्डा की वजह से जेल भेजे जाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि साहबराम व देवी लाल के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। चौटाला साहब उम्र में भी मुझसे सीनियर हैं, लेकिन अब 83 साल की उम्र में उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए। हुड्डा ने चौटाला के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा जे.बी.टी. भर्ती के जिस मामले में वे 10 वर्षों की सजा काट रहे हैं, न तो वह मामला उनके कार्यकाल में सामने आया और न ही उनके कार्यक्षेत्र में इसकी जांच हुई। 5 जून, 2003 में आई.ए.एस. संजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि चौटाला ने उनसे जे.बी.टी. भर्ती की लिस्ट बदलने का दबाव बनाया। 

यही नहीं, संजीव कुमार ने ही यह भी मांग की थी कि इस मामले की जांच हरियाणा से बाहर करवाई जाए। हुड्डा ने कहा, जिस समय सुप्रीम कोर्ट में मामला गया, उस दौरान चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और उनके समर्थन से केंद्र में भाजपा की सरकार चल रही थी। 25 नवम्बर, 2003 को सुप्रीम कोर्ट ने सी.बी.आई. जांच के आदेश दिए। इसके बाद सी.बी.आई. ने पहले 12 दिसम्बर, 2003 को प्राथमिक जांच दर्ज की और इसके बाद 24 मई, 2004 को केर्स दर्ज किया गया। हुड्डा ने कहा, मैं तो उस समय तक भी मुख्यमंत्री नहीं था।

बदले की भावना से काम कर रही है सरकार 
हुड्डा ने कहा कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। गुरुग्राम में 87 एकड़ भूमि सड़कों आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए अधिगृहीत की गई। बिल्डरों को जमीन बेचने के आरोपों को नकारते हुए हुड्डा ने कहा, उनकी सरकार ने एक इंच भी सरकारी जमीन किसी बिल्डर को नहीं बेची। हुड्डा ने राज्य की खट्टर सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के सामने तथ्य छुपाने के आरोप भी लगाए। उन्होंने नियमों के तहत ई.डी.सी. (बाहरी विकास शुल्क) व आई.डी.सी. (आंतरिक विकास शुल्क) जमा करवाया था। नियमों के तहत ई.डी.सी. और आई.डी.सी. जमा करवाने के बाद उन्हें सड़कों आदि की सुविधाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है।