पूर्व जिला पार्षद ने तहसीलदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

3/23/2017 7:10:50 PM

पानीपत (अनिल कुमार):पानीपत तहसीलदार द्वारा मोटी रकम वसूल कर धड़ल्ले से  आउटर और वक्फ बोर्ड की रजिस्ट्रियां की जा रही है। इस करोड़ों के घोटाले की सी.बी.आई. से हो जांच होनी चाहिए। यह बात पूर्व जिला पार्षद जोगेन्द्र स्वामी ने एक निजी होटल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार ने अनअप्रूवड क्षेत्र की रजिस्ट्रियां बंद कर रखी हैं। मगर वहीं दूसरी तरफ तहसील कार्यालय में पानीपत के बड़े अधिकारियों के संरक्षण में धड़ल्ले से इन क्षेत्रों में रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। 

पूर्व जिला पार्षद जोगिन्द्र स्वामी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह रजिस्ट्रियां 100 गज से 500 गज के प्लाट के 2 लाख से 3 लाख तक दलालों और अर्जीनवीसों के माध्यम से रिश्वत लेकर की जा रही हैं। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि रजिस्ट्री कराने वाले दलालों को खास हिदायत होती है कि रजिस्ट्री होने के बाद उनको तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक तहसीलदार यहां से ट्रांसफर होकर नहीं चला जाएगा। या फिर इन कालोनी की रजिस्ट्रियां खोल दी जाएंगी। स्वामी ने बताया कि इन रजिस्ट्रियों में किसी भी अर्जी नवीस के द्वारा ड्राफ्टिंग नहीं करवाई जाती है और न ही उनके रिकार्ड में यह दर्ज होता। अपितु वकील द्वारा ड्राफ्टिंग करवाकर ही रजिस्ट्री करवाई जाती है। 

उन्होंने कहा कि तहसीलदार और उच्च अधिकारी इस मामले में करोड़ों की लूट मचा रहे हैं। लेकिन अब तक इसकी कोई जांच न होना सरकार की ईमानदार छवि में प्रश्नचिन्ह लगाता है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि सरकार द्वारा इन क्षेत्रों की जिला योजनाकार द्वारा अनापत्ति सर्टिफिकेट का लिया जाना अनिवार्य होता है। कृषि भूमि का बिना सी.एल.यू. लिए सरकार को करोड़ों का नुकसान कर बिना एन.ओ.सी. लिए खुले रूप से रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। पूरे हरियाणा में सरकार की जीरो टॉलरेंस की बात केवल जनता को बेवकूफ बनाने मात्र तक ही सीमित है।