कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा की सरकार से मांग, छोटे दुकानदारों को भी मिले प्रतिष्ठान खोलने की इजाजत

4/19/2020 1:53:31 PM

चंडीगढ़(धरणी)- हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने व्यापारियों तथा छोटे दुकानदारों के हित में आवाज बुलंद की है। उन्होंने कहा कि लाकडाउन की अवधि में सबसे ज्यादा असर छोटे और मध्यम श्रेणी के लोगों पर तो पड़ा ही है, साथ ही छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के रोजगार खत्म हो गए हैं। प्रदेश सरकार को इस वर्ग की चिंता करनी चाहिए। अरोड़ा ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के अनुपालन की शर्त के साथ दुकानदारों को भी अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि वह अपना परिवार पाल सकें।

चंडीगढ़ में बातचीत के दौरान पूर्व विधानसभा स्पीकर अशोक अरोड़ा ने कहा कि इंडस्ट्री में उत्पादन की अनुमति देना सरकार का हितकारी कदम है, लेकिन इसी तरह का फैसला प्रदेश के हर जिले में छोटे दुकानदारों पर लागू किया जाए। सरकार चाहे तो उनके प्रतिष्ठान और दुकानें खोलने का समय निर्धारित कर सकती है, क्योंकि उनकी दुकानों पर बहुत अधिक वर्कर भी काम नहीं करते। इसलिए वहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का अनुपालन नहीं होने की कोई आशंका नहीं है।

सरसों की खरीद पर जाहिर किया असंतोष 
अशोक अरोड़ा ने राज्य में सरसों की खरीद पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि इस बार करीब नौ लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद मंडियों में आने का अनुमान था, लेकिन अभी तक इसकी एक चौथाई भी सरसों नहीं खरीदी गई है। इससे सरसों उत्पादक किसान परेशान और असमंजस में है। अरोड़ा ने कल से आरंभ होने वाली गेहूं खरीद पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि किसानों को तकनीकी दावपेंच में न उलझाकर उनकी फसल का एक-एक दाना खरीदे तथा किसानों को २४ घंटे के भीतर उनकी फसल का भुगतान मिले।

संकट की इस घड़ी में कांग्रेस हरियाणा सरकार के साथ 
एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री ने कहा कि व्यापारियों, आढ़तियों और किसानों के बीच चोली दामन का साथ है। इसलिए उनके बीच टकराव की सरकार की कोशिशों को हवा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने गेहूं खरीद के लिए प्रदेश की मंडियों में बारदाना नहीं होने तथा फसल के उठान की उचित व्यवस्था नहीं होने के आरोप भी लगाए। अशोक अरोड़ा ने कहा कि संकट की इस घड़ी में कांग्रेस हरियाणा सरकार के साथ है, लेकिन उन्हें छोटे दुकानदारों, गरीब तबके के लोगों, मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, छोटे व्यापारियों व दुकानदारों के हितों की चिंता करनी चाहिए।
 

Isha