Satpal Sangwan: नहीं रहे चौधरी बंसीलाल के ''बुलडोजर'' सतपाल, दादरी से 2 बार विधायक रहे सांगवान

punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 09:30 AM (IST)

चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री एवं दादरी से दो बार विधायक रहे व वर्तमान दादरी से भाजपा विधायक सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान का निधन हो गया है। वे बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और गुरुग्राम के मेंदाता अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने आज सुबह करीब 3 बजे अंतिम सांस ली। आज सुबह उनका पार्थिव शरीर चरखी दादरी में उनके निवास स्थान पर पहुंचा और अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। दादरी जिले के उनके पैतृक गांव चंदेनी में ददोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूर्व सीएम बंशीलाल उनको बुलडोजर के नाम से पुकारते थे। 

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कई दिनों से बीमार चल रहे थे सतपाल सांगवान  

बता दे कि पूर्व मंत्री बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और वे गुरूग्राम के मेंदाता अस्पताल में भर्ती थे। दादरी से वर्तमान विधायक सुनील सांगवान भी अपने पिता की देखभाल के लिए करीब सप्ताह भर से वहीं डटे हुए थे। उम्र अधिक होने व कैंसर फैलने के कारण उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी जिसके चलते उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और अल सुबह 3 बजे उनका निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में कई वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियां, सामाजिक कार्यकर्ता और हजारों समर्थक शामिल होंगे। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने अपने जीवन में चरखी दादरी से 6 बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं। हविपा की टिकट पर पहली बार 1996 में चरखी दादरी के विधायक बने थे। विधायक बनने से पहले टेलीफोन एक्सचेंज में एसडीओ के पद पर कार्यरत थे। नौकरी से वीआरएस दिलवा कर पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल इनको राजनीति में लाए थे। सांगवान चरखी दादरी से हजकां की टिकट पर 2009 में दोबारा विधायक बने और भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सहकारिता मंत्री बने। 

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बेटे को लड़वाया चुनाव

2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर हार गए और 2019 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट कटने पर जजपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में सतपाल सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे। किसान आंदोलन के दौरान सांगवान ने जजपा को अलविदा कह दिया था। बाद में कार्यकर्ता सम्मेलन कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद सतपाल सांगवान ने उम्र अधिक होने के कारण स्वयं चुनाव नहीं लड़ा बल्कि अपने बेटे को अपनी विरासत संभालते हुए राजनीति में उतारा। जिसके चलते भौंडसी, गुरूग्राम के जेल अधीक्षक से वीआरएस लेकर उनके बेटे ने भाजपा ज्वाइन की और विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की विधायक बने। 

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Content Writer

Manisha rana

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