कैथल में मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा: 2 मेट के खिलाफ FIR, विदेश में रह रहे 2 लोगों व मिड-डे मील वर्करों को दिखाया मजदूर

punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2025 - 09:45 AM (IST)

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल जिले में मनरेगा योजना में हुए फर्जीवाड़े में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने दो मनरेगा मेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यह घोटाला सीवन ब्लॉक के ककराला अनायत गांव में सामने आया, जहां जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गांव के मेट बलवंत सिंह ने अपनी ही बेटी लवजीत कौर, जो अभी पढ़ाई कर रही है और अपने बेटे सन्नी, जो विदेश में रह रहा है को मनरेगा मजदूर दिखाकर 35058 रुपयों का भुगतान लिया। 

वहीं महिला मेट संतोष देवी ने विदेश में रह रहे जोगा सिंह और दो मिड डे मील वर्कर की फर्जी हाजिरी दिखाकर उनके नाम पर 48133 रुपयों की मजदूरी हड़प की है। जबकि वे पहले से ही सरकारी स्कूल में काम कर रही हैं। दोनों मेट ने फर्जी जॉब कार्ड बना सरकार की 83191 हजार रुपए की राशि का गबन किया है। अब सवाल उठ रहा है कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के यह गड़बड़झाला कैसे संभव हुआ?

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सिर्फ मेटों पर गिरी गाज, ग्राम सचिव मनरेगा जेई और एबीपीओ को बचाया

बीडीपीओ सीवन नेहा शर्मा में मनरेगा गड़बड़झाले में केवल मनरेगा मेट संतोष देवी और बलवंत सिंह को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था, साथ ही, इन दोनों से ₹83,191 की रिकवरी करने की बात भी कही है। हालांकि, विभाग द्वारा की गई जांच में ग्राम सचिव, मनरेगा जूनियर इंजीनियर (JE) और सहायक खंड परियोजना अधिकारी (ABPO) की भूमिका पर सवाल हैं, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के यह घोटाला संभव नहीं था। गांव के लोगों का कहना है कि केवल मेटों पर कार्रवाई करके प्रशासन असली दोषियों को बचा रहा है। अगर ग्राम सचिव, जेई और एबीपीओ ने समय पर निरीक्षण किया होता, तो यह गड़बड़ी नहीं होती। ग्रामीणों ने इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब देखना होगा कि क्या सिर्फ मेटों को बलि का बकरा बनाया जाएगा, या उच्च स्तर तक जांच होगी और असली दोषियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

इससे पहले 9 कर्मचारियों पर भी हो चुकी कार्रवाई

गौरतलब है कि इसी तरह केकहेड़ी गांव में हुए मनरेगा घोटाले में पहले 9 कर्मचारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। जिनमें से सीवन की तत्कालीन एबीपीओ प्रियंका शर्मा और जेई शिव कुमार को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है। घोटाले में संलिप गांव के तीन मनरेगा मेट भी सस्पेंड ही चुके हैं। वहीं इरिगेशन विभाग के चार जेई को कार्य मुक्त करके मुख्यालय भेजा हुआ है, जिनके खिलाफ अभी विभागीय कार्रवाई चल रही है।

मामले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा: एसएचओ 

सीवन थाना प्रभारी कुलदीप देशवाल ने बताया कि बीडीपीओ कार्यालय से दो मनरेगा मेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की एक शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने जिस संदर्भ में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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Content Writer

Manisha rana

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