कम्पनी द्वारा फ्लैट के निवेश के नाम पर जालसाजी, रिटायर नेवी कमांडर से 12 लाख की धोखाधड़ी

8/7/2020 12:09:39 PM

पानीपत : भारतीय जल सेना के रिटायर कमांडर के साथ फ्लैट में निवेश करने के नाम पर केरल की एक कम्पनी द्वारा 12 लाख की ठगी करने का मामला दर्ज करते हुए जांच तेज कर दी है।मॉडल टाऊन निवासी मनु प्रताप सिंह हुड्डा ने बताया कि निवासी मनु प्रताप सिंह हुड्डा ने बताया कि वह भारतीय जल सेना से रिटायर्ड कमांडर है। मैसर्ज मीर रिएलटरर्स प्राइवेट लिमिटेड जिसका पंजीकृत कार्यालय एम.एम. बिल्डिंग, कलाभवन रोड, एर्नाकुलम नॉर्थ, कोच्ची, केरल में है, के मैनेजिंग  डायरैक्टर अऱुण कुमार व डिप्टी मैनेजर कस्टमर केयर स्वप्न पाणीकार ने उनके सम्पर्क करते हुए कम्पनी द्वारा बनाई जा रही दि ग्रीन टाऊनशिप में निवेश करने का ऑफर दिया।

यह टाऊनशिप कैल्ट्रोन जंक्शन, काराकुलम, त्रिवेन्द्रम, केरल में बननी बताई गई। आरोपियों द्वारा उसे प्रोजैक्ट में निवेश पर बेहतर मुनाफे की पूर्ण गारंटी दी गई। चूंकि उसका सेना में कार्यकाल समाप्त होने वाला था। वह रिटायरमैंट के बिल्कुल नजदीक था तो उसने रिटायरमैंट पर मिलने पर पैसे व अपनी जीवन भर की बचत को इस प्रोजैक्ट में लगाने का फैसला कर लिया।उसने 3 बीएचके का एक फ्लैट जो कि 1390 वर्गफीट का था, वह मैसर्ज मीर रिएलटर्स कम्पनी में बुक कर लिया। जिसके लिए 52 लाख रुपए का सेल समझौता हुआ। दोनों के बीच एक कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट भी एक अप्रैल, 2016 को हो गया। तय राशि में उसने 14 लाख रुपए कम्पनी को भुगतान भी कर दिए। कम्पनी को उसे 2017 तक उक्त फ्लैट सौंपना था। जबकि हकीकत में यह हुआ कि फ्लैट पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया गया तथा न ही उसे फ्लैट सौंपा गया। 

कोर्ट गया मामला तो 2 लाख रुपए लौटाए
बार-बार फोन करने पर ही यही दबाव बनाया कि वह प्रोजेक्ट के साथ जुड़े रहे तथा जल्द ही उन्हें फ्लैट सौंप दिया जाएगा। लेकिन जब उसने स्पष्ट तौर पर मना कर दिया तो दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि कम्पनी उसके द्वारा निवेश किया गया पूरा पैसा किश्तों में उसे लौटा देगी। जिसके तहत उसे एक-एक लाख रुपए के दो पोस्ट डेटेड चैक दिए गए जो कि 3 मई, 2018ल 10 मई 2018 को क्लीयर होने थे।

चैंक सौंपते समय उसे पूरा आश्वासन दिया गया कि तय समय पर दोनों चैक बैंक में लगाते ही क्लीयर हो जाएंगे। लेकिन समय पर आने के पर जब उसने पहले चैक को बैंक में लगाया तो कम्पनी द्वारा दिए गए आश्वासन के खिलाफ यह चैक बाउंस हो गया। जिस पर उसने कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करके पूरा मामला बताया कि अधिकारियों ने उसे दोबारा आश्वासन दिया कि गोनों को जून 2018 में दोबारा बैंक में लगा देना तथा वह क्लीयर हो जाएंगे। लेकिन जब उसने जून में दोनों चैकों में बैंक में लगाया तो 27 जून को दोनों चैक फिर बाऊंस हो गए तथा कम्पनी द्वारा दिया गया आश्वासन झूठा निकला। 

कम्पनी के अधिकारियों ने उसे एक बार फिर से दोनों चैकों में जुलाई, 2018 में लगाने की बात कही तथा गारंटी दी कि इस बार चैक हर हालत में क्लीयर होंगे लेकिन 17 जुलाई को एक बार फिर दोनों चैक बाऊंस हो गए। वह मामले को कोर्ट में ले गया। जिस पर आरोपियों ने दोनों चैकों के बदले 2 लाख रुपए का भुगतान कर दिया तथा कोर्ट से मामला खत्म हो गया। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने पानीपत में हुए एक बैठक के दौरान आश्वासन दिया कि बाकी बची राशि को भी जल्द से जल्द भुगतान कर दिया जाएगा। उसने एक बार फिर आरोपियों पर विश्वास करते हुए केस वापस ले लिया था। लेकिन बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद आरोपी अपने वायदे पर खरे नहीं उतर रहे है। 

Edited By

Manisha rana