सियासी पिच पर फ्री-लांसर अशोक तंवर कर रहे खुलकर बल्लेबाजी!

punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2019 - 11:14 AM (IST)

डेस्क( संजय अरोड़ा):  कांग्रेस से बागी हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर इन दिनों सियासी पिच पर फ्री-लांसर नेता के रूप में खुलकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस से किनारा कर चुके तंवर ने जहां 3 दिन पहले दिल्ली में जननायक जनता पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया वहीं 2 दिन पहले इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला सिरसा में अशोक तंवर के निवास पर पहुंचे और उनसे समर्थन मांगा। पिछले 2 दिनों में तो तंवर ने टोहाना व फतेहाबाद में जजपा के समर्थन में रखी गई जनसभाओं को भी संबोधित किया। वह अलग-अलग सीटों पर कांग्रेस एवं भाजपा के खिलाफ उतरे उम्मीदवारों को समर्थन दे रहे हैं। इस कारण प्रदेश की कई सीटों पर सियासी समीकरणों ने करवट ले ली है और सियासी गणित गड़बड़ा सकता है।

गौरतलब है कि 14 फरवरी, 2014 को कांग्रेस हाईकमान ने अशोक तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही तब तक सब ठीक चलता रहा, मगर जैसे ही अक्तूबर, 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो तंवर व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच वर्चस्व की लड़ाई के चलते छत्तीस का आंकड़ा बन गया। उनकी लड़ाई सड़कों पर भी दिखी। इसी बीच कांग्रेस, 2018 में हुए मेयर चुनाव, इसी साल जनवरी में हुआ जींद उपचुनाव हार गई और इसी वर्ष मई में हुए संसदीय चुनाव में कांग्रेस सभी 10 सीटों पर पराजित हो गई। 

इन सबके बीच तंवर को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने की लगातार मुुहिम चली और आखिरकार विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने तंवर को पद से हटा दिया और कुमारी शैलजा को प्रदेशाध्यक्ष तो हुड्डा को भी अहम जिम्मेदारी दे दी। हालांकि टिकट आबंटन में तंवर अपने आधा दर्जन समर्थकों को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे।

अपने एक-दो विरोधियों की टिकट भी उन्होंने कटवा दी पर इसके बाद उन्होंने एकाएक यू-टर्न लिया और कांग्रेस के तमाम पदों को छोडऩे के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद तो तंवर से समर्थन मांगने वालों का तांता लग गया। ऐसे में तंवर भी अब खुलकर फ्रीलांस नेता के रूप में सियासी पिच पर उतर गए हैं। तंवर ने स्वयं भी यह स्वीकार किया कि अब वह किसी दल के नेता नहीं बल्कि फ्री-लांसर नेता हैं, इसलिए भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराने वालों को अपना समर्थन देंगे।


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Isha

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