BSF के शहीद विजेंद्र का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

6/8/2019 3:52:59 PM

 

जींद(जसमीर): जींद के ईगराह गांव के बीएसएफ के जवान विजेंद्र की जम्मू कश्मीर के अवंतीपोर में डयूटी के दौरान गोली लगने से मौत के बाद शुक्रवार देर रात उनके पैतृक गांव ईगराह में पूरे सैनिक और राजकीय सम्मान के साथ विजेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पहले गांव में परिजनों ने विजेंद्र की मौत पर संदेह जताते हुए एक बार अंतिम संस्कार से मना कर दिया था, लेकिन मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी सूझ-बूझ से परिजनों को शहीद के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार करने में कामयाबी हासिल कर ली। विजेंद्र को बीएसएफ के जवानों ने हवा में गोलियां दाग कर अंतिम सलामी दी।

ईगराह गांव का 51 वर्षीय विजेंद्र बीएसएफ की 33वीं बटालियन में हवलदार के पद पर था। उसकी नियुक्ति जम्मू कश्मीर के अवंतीपोर स्थित श्रीनगर एयरबेस पर थी। एयरबेस में विजेंद्र की गोली लगने से मौत हो गई। परिजनों को यह सूचना 4 जून को दी गई की विजेंद्र को गोली लगी है। 5 जून को परिजनों को विजेंद्र की मौत की सूचना दी गई। विजेंद्र को गोली कैसे लगी, इस बारे शुक्रवार देर रात तक न तो जींद प्रशासन और न ही जिला सैनिक बोर्ड के पास कोई सूचना थी। परिजनों को भी पता नहीं था कि विजेंद्र को गोली किसने मारी और कैसे गोली लगी।

शुक्रवार देर सायं जब विजेंद्र का शव जींद के भिवानी बाईपास रोड स्थित विकास नगर में उसके मकान पर पहुंचा तो वहां एसडीएम सत्यवान मान, डीएसपी धर्मबीर, तहसीलदार मनोज अहलावत शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच गए। देर रात को बीएसएफ के एएसआई कश्मीर सिंह के नेतृत्व में बीएसएफ की टुकड़ी विजेंद्र के शव को विकास नगर लेकर पहुंची। यहां कुछ समय के लिए शव को दर्शनों के लिए रखा गया। इसके बाद शव को विजेंद्र के पैतृक गांव ईगराह ले जाया गया।

शव के गांव में पहुंचने पर परिजनों तथा रिश्तेदारों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने विजेंद्र की मौत पर संदेह जताया। बीएसएफ कर्मियों के जवाब से असंतुष्ट परिजनों ने दोबारा शव का पोस्टमार्टम करवाने की मांग कर मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ बीएसएफ के लोगों को भी सकते में डाल दिया। परिजनों ने कहा कि जब तक विजेंद्र की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो जाता, तब तक शव का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। दाह संस्कार में देरी होने पर ग्रामीणों तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को समझा-बुझाकर शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया।देर रात को विजेंद्र के शव को गांव के शमशान घाट में राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मृतक विजेंद्र अपने पीछे बेटा संजीव, शादीशुदा बेटी मनीषा, पत्नी मीना, बुजुर्ग पिता करतार सिंह, मां परमेश्वरी तथा छोटे भाई राजेंद्र और उसके परिवार को छोड़ गया है। 

Isha