प्रदेश के सबसे युवा आईपीएस बने गंगाराम पूनिया, संभाला पुलिस कप्तान का कार्यभार(video)

4/27/2018 12:45:14 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): एक क्लर्क के तौर पर नौकरी करने के बाद एसपी स्तर तक पहुंचना अपने आप में बड़ी बात होती है। जब ऐसे शख्स को प्रदेश के सबसे बड़े जिले के पुलिस कप्तान का दायित्व मिले वो भी सबसे युवा होने के बावजूद तो बात अपने आप में मायने रखती है। प्रदेश के सबसे युवा पुलिस कप्तान गंगाराम पूनिया को भिवानी जिले की कमान मिली है। प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी गंगाराम पूनिया ने अपने संघर्षों एवं मेहनत के बलबूते भिवानी जैसे बड़े जिले का पुलिस कप्तान बनने का गौरव हासिल किया।

पहली बार किसी जिले के एसपी के रूप में पोस्टिंग मिलने के बाद भिवानी में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद गंगाराम पूनिया से बात की तो उन्होंने अपने अनुभव सांझे किए तो उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी। गंगाराम पूनिया ने कहा कि त्वरित न्याय दिलवाना ही उनका मकसद है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना व अपराधों में रोकथाम करने के अलावा ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करना, आमजन को साथ लेकर पुलिस के मानव संसाधनों व  भौतिक संसाधनों का सदुपयोग करना उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है। 

उन्होंने कहा कि महिलाओं व बच्चों पर होने वाले अपराधों को लेकर प्रदेश पुलिस पहले से ही संजीदा है। उनका प्रयास यही रहेगा कि जल्द से जल्द मामले दर्ज कर उनका फॉलोअप भी हो व लोगों को त्वरित न्याय मिले। जानकारी के अनुसार गंगाराम पूनिया इससे पहले एडीसी टू गवर्नर रहे और सीएम सिक्योरिटी में भी रहे। इससे पूर्व फतेहाबाद के एएसपी व भिवानी में ट्रेनीज आईपीएस के तौर पर रह चुके हैं। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे गंगाराम पूनिया सरकारी नौकरी में आना चाहते थे। उन्होंने राजस्थान के एक डाकघर में लिपिक के तौर पर ड्यूटी ज्वाइन की। 

इसके बाद सिविल सेवा की परीक्षा दी तो पहले प्रयास में इंटरव्यू में रह गए। मगर अगले ही प्रयास में वे पास भी हुए व चयनित भी। कॉडर हरियाणा मिला तो यहां जिम्मेदारियां भी अहम रही। मगर अब तक मातहत अधिकारी के तौर पर मिलने वाले निर्देशों को ही फॉलो करते आए थे। 

आज बड़े जिले के एसपी की कमान मिली तो माना कि जिम्मेदारियां बढ़ गई है व खुद ही फैसले भी लेने हैं। उन्होंने बताया कि लोगों का कानून में विश्वास बरकरार रहे व साथ ही लोगों को इंसाफ मिले, यही उनका प्रयास रहेगा। वहीं उन्होंने कहा कि लोगों को साथ लेकर वे मुहिम भी चलाएंगे फिर चाहे दुर्घटनाएं रोकने के लिए लोगों को खासकर टीनएजर्स को जागृत करने की बात हो या फिर आमजन के साथ दूसरी मुहिमें चलाने की बात हो। 

Rakhi Yadav