''लाशों'' का सौदा करने वाले गिरोह ने रोहतक पीजीआई से की थी शुरूआत

4/27/2019 7:24:21 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज): रोहतक में डॉक्टर्स और पुलिस की मिलीभगत से कैंसर और एचआईवी पीड़ित के परिजनों को बीमा के तौर पर मोटी रकम देने का लालच देकर लाशों का सौदा करने वाले गिरोह ने शुरूआत रोहतक पीजीआई से की गई थी। पीजीआई में क्लर्क प्रमोद ने इलाज करा रहे एचआईवी पीड़ित भगवतीपुर निवासी अपने चाचा की सड़क हादसे में मौत दिखा बीमा कंपनी से 35 लाख रुपए लिए।उसने इसी को मॉडल बना रैकेट की शुरुआत की। इसके बाद गिरोह ने प्रदेश और बाहर नेटवर्क फैला दिया, जिसमें दिल्ली-पंजाब भी शामिल हैं।

एसटीएफ के अनुसार गिरोह करीब 54 मामलों में लाखों रुपए क्लेम वसूल चुका है। पीजीआई के रिकाॅर्ड रूम और कैंसर वाॅर्ड तक गिरोह के लोगों की पहुंच नहीं थी। पीजीआई के कर्मचारियों से मिलीभगत के बाद इनकी राह आसान हुई। सोनीपत पुलिस की एसटीएफ ने आरोपियों से रिकाॅर्ड जब्त करने के लिए शुक्रवार को गरोह के दफ्तरों और घरों पर छापेमारी की। गिरोह ने रोहतक, हिसार, सोनीपत समेत प्रदेश के कई जिलों में अपने ऑफिस खोल रखे हैं। गिरोह यहीं बैठकर बीमा करने की कागजात कार्रवाई पूरी करते थे। मरीजों का रिकार्ड मांगते थे।

एसटीएफ के अनुसार गिरोह प्रदेश के कई जिलों में सोशल वेलफेयर के नाम से अपने ऑफिस चला रहा था। हिसार, सोनीपत और पानीपत के सामान्य अस्पताल से भी रिकाॅर्ड मांगा गया है, ताकि पता चला सके कि किस अस्पताल में कितने मरीज आए और कितने लोगों के पोस्टमार्टम हुए है। गिरोह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बीमा योजना का लाभ देने का झांसा देकर फंसाता था। उनको कागजात कार्रवाई के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी भी नहीं दी जाती थी। सिर्फ मोटी रकम देने का लोभ देकर उनसे सभी कागजात लेते थे। वहीं पीजीआई और अस्पताल में भी कार्यरत छोटे कर्मचारियों को थोड़े समय में मोटी रकम देने का लालच देकर आरोपी अपने जाल में आसानी से फंसा लेते थे। 

Naveen Dalal