नहरों पर गौघाट हो रहे खत्म, प्यास बुझाने के लिए जान गवां रहे जीव

2/5/2021 3:43:50 PM

हिसार (ब्यूरो) : सुधार के नाम पर किया जा रहा नहर तंत्र का रिमॉडलिंग जंगली जानवरों, पशुओं के लिए समस्या का कारण बन गया है। एक प्वाइंट में गड़बड़ी के कारण इन बेजबान जानवरों का हिस्सा नहरी पाने से खत्म कर दिया गया है। नहरों पर दशकों पुराने बने गौघाट को धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है। अब जंगली जानवर और पशु चाहकर भी नहरों से पानी तहीं पी सकते। पानी पीने के चक्कर में पशु नहरों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। गौघाट नहीं होने के कारण नहरों में गिरने पर इन पशुओं को बाहर निकालना भी आसान नहीं रहा, जिसके कारण बाइल्‍ड लाइफ रेस्क्यू यैम का काम बढ़ गया है।

नहरी विभाग की मानें तो जरूरत नहीं होने के चलते गौघाट को बंद किया गया है, वहीं वाइल्ड लाइफ अधिकारी हर दो किलोमीटर बाद गौघाट को जरूरी बता रहे हैं। गौघाट एक तरह का नहर तंत्र के ट्विजाइन में किया गया बदलाव होता है जिसमें नहर की साइड की दीवारों को वर्टिकल कर दिया जाता है । उस प्वाइंट पर पशु, जानवर आसानी से पानी पी सकते हैं और नहर से बाहर आ सकते हैं।

राजस्थान से सीख ले प्रशासन
जिला प्रशासन पड़ोसी राज्य राजस्थान से सीख ले सकता है। पानी की कमी से जूझ रहे रेतीले एरिया में राजस्थान सरकार ने जीव जंतुओं को पानी उपलब्ध करवाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। जिन एस्यि में पानी की किल्लत रहती है, वहां से गुजरने वाली पाइपलाइन को जानवूझ कर लिकैज किया जाता है, ताकि इससे निकलने वाला पानी एक जगह जमा होता रहे और वहां उस एरिया में रहने वाले परिंदे और जीव जंतू पानी पीकर प्यास बुझा सकें ।

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Content Writer

Manisha rana