चारा खेती के लिए गौशालाओं को मिलेगी जमीन

7/29/2018 9:49:14 AM

चंडीगढ़ (ब्यूरो): प्रदेश सरकार ने पंजाब ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) नियम, 1964 को संशोधित किया है और यह नियम अब पंजाब ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) हरियाणा संशोधन नियम, 2018, कहे जाएंगे जिसमें अधिकतम 2 वर्ष  की अवधि के लिए चारा खेती के लिए खुली नीलामी में पंजीकृत गौशालाओं को पट्टे पर दिया जा सकेगा। विकास एवं पंचायत विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि पंजाब ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) नियम, 1964 (जिन्हें, इसमें, इसके बाद, उक्त नियम कहा गया है) में, नियम 3 में, उप-नियम (2) में, खंड-1 के बाद, निम्न खंड रखा जाएगा, अर्थात (1-क) गौशाला। 

उन्होंने बताया कि इन नियमों में, नियम 6 में, उप-नियम (2) के बाद, निम्नलिखित उप-नियम रखा जाएगा, अर्थात (2क) ग्राम पंचायत, निदेशक पंचायत की पूर्व अनुमति से, चरान्द के लिए चिन्हित और जोत के अधीन शामलात देह में अपनी भूमि निम्नलिखित शर्तों अध्यधीन, अधिकतम 2 वर्ष  की अवधि के लिए चारा खेती के लिए खुली नीलामी में पंजीकृत गौशालाओं को पट्टे पर दे सकती है। 

प्रवक्ता ने बताया कि एक गौशाला को प्रत्येक 1000 पशुओं के लिए केवल 10 एकड़ तक भूमि दी जा सकती है। पशुओं की कम या ज्यादा संख्या होने की दशा में, पशुओं की संख्या के अनुपात में भूमि दी जाएगी। इसी प्रकार, यदि एक ही बोलीदाता है, तो उसी गांव की गौशाला के लिए पट्टा धन राशि 5100 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष और पड़ोसी गांवों की गौशाला के लिए 7100 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष से कम नहीं होगी। उसी गांव की गौशालाओं तथा पड़ोसी गांव की गौशालाओं के लिए नीलामी की कार्रवाइयां अलग से संचालित की जाएंगी।

Deepak Paul