किसानों ने फिर भरी हुंकार, केएमपी पर टोल फ्री कराने को लेकर दिया अल्टीमेटम

4/18/2021 6:12:04 PM

बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार): कृषि कानूनों के खिलाफ चार माह से बॉर्डर पर बैठे किसानों ने एक बार फिर से शासन व प्रशासन के खिलाफ हुंकार भरी है। उनकी यह हुंकार इस बार कृषि कानूनों को लेकर नहीं बल्कि केएमपी पर हाल ही में प्रशासन द्वारा चालू कराए गए टोल को लेकर है। किसान जहां कृषि कानूनों के रद्द न होने तक केएमपी के साथ-साथ अन्य सभी टोल को फ्री कराने की जिद्द पर अड़े हैं, वहीं प्रशासन चाहता है कि टोल पहले की भांति उसकी तरह से लागू रहें जैसे कि किसान आंदोलन शुरू होने से पहले तक थे। 



हालांकि किसानों की जिद्द व मामले की गंभीरता को भांपकर शासन व प्रशासन ने उन दिनों इस मामले पर चुप्पी साधे रखी थी जब किसान केएमपी व अन्य स्थानों पर जाकर टोल फ्री करा रहे थे। लेकिन कुछ रोज पूर्व प्रशासन ने इस बारे में सख्ती बरतते हुए दोबारा से केएमपी पर टोल शुरू करा दिया। जब किसानों को इस बात का पता चला तो काफी संख्या में किसान केएमपी पर पहुंच गए। लेकिन वहां पहले से ही काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। जिसे देखकर किसानों ने टोल स्थल के थोड़ी ही दूरी पर एक बैठक का आयोजन किया।

बैठक केएमपी का टोल फ्री कराए जाने को लेकर थी। काफी देर तक चली मंत्रणा के बाद किसानों ने इस बारे में प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि यदि अगले चार रोज के भीतर टोल दोबारा से फ्री नहीं हुआ तो किसान 22 अप्रैल को दोबारा से वहीं टोल स्थल पर पहुंच कर टोल फ्री करा देंगे।



किसान नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ने जिद्द पकड़ रखी है कृषि कानूनों को रद्द न करने की तो किसानों की भी जिद्द यही है कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होंगे तब तक किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी। किसान नेताओं ने अपना आंदोलन ओर ज्यादा तेज किए जाने की बात कही।

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Content Writer

vinod kumar