जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा देती है गीता : दुष्यंत चौटाला
12/9/2019 2:18:31 PM
सिरसा(का.प्र.): उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गीता एक ऐसा पावन ग्रंथ है जिसकी नींव हरियाणा की पावन धरा पर रखी गई है। उन्होंने कहा कि जब हम भगवान श्री कृष्ण की बात करते हैं तो गीता की बात अपने आप जा जाती है। हमें गीता को अपने जीवन में प्रेरणा के साथ उतारने का काम करना चाहिए। जितना ज्यादा इस ग्रंथ को हम समझते हैं, उतनी ही अधिक हमें खुशहाली व प्रगति मिलती है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का मतलब ही हरी का आना है। उन्होंने कहा कि ज्ञान हमेशा बांटने से बढ़ता है न की रखने से और गीता हमें जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा देती है। इस महोत्सव से हमें संकल्प लेना चाहिए कि इस पावन ग्रंथ को जीवन में उतारने का काम करें। उपमुख्यमंत्री रविवार को जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव के अंतिम दिन स्थानीय चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के मल्टीपर्पज हॉल में मुख्यातिथि के रुप में शिरकत करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ करने उपरांत उपस्थितगण को सम्बोधित करते हुए कही।
इससे पूर्व मुख्यातिथि ने रिबन काट का विभिन्न विभागों व सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा बारीकी से अवलोकन किया। इसके उपरांत मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित कर जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग, पूर्व विधायक कृष्ण काम्बोज, जजपा शहरी प्रधान रोहित गनेरीवाला, विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।
गीता विश्व में सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला ग्रंथ
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गीता विश्व में सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला ग्रंथ है, किंतु गीता को गहराई से समझने की आवश्यकता है। गीता हमें शास्त्र और शस्त्र का मर्यादित तथा अनुशासित प्रयोग सिखाती है। गीता ग्रंथ में भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन की तमाम परेशानियों और समस्याओं के समाधान का मूल मंत्र मानव मात्र को दिया है। उन्होंने कहा कि हम गीता ग्रंथ का अध्ययन करें तो हमें जीवन की तमाम समस्याओं का समाधान इसके माध्यम से प्राप्त हो सकता है। हर व्यक्ति के लिए जीवन में गीता का ज्ञान प्राप्त करना बहुत जरूरी है। आमजन तक गीता ज्ञान को पहुंचाने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने इसे अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया है।
उन्होंने बच्चों ने आह्वïान किया कि वे इसी आयु से गीता का अध्ययन और मनन करना शुरू करें। जीवन में अच्छी आदतों का विकास और अगली पीढ़ी में इनका स्थानांतरण गीता मनन से संभव हो सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ही नहीं पूरी मानवता को कर्म करने का संदेश दिया। यह भारत की समृद्धि का प्रतीक है और गीता के उपदेश हर समय और हर काम के लिए प्रासंगिक है। यह ग्रंथ केवल धर्मग्रंथ ही नहीं है अपितु जीवन जीने की शैली है, इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।