जनरल ने किया शहीद रणजीत सिंह की मूर्ति का अनावरण

3/9/2019 2:43:15 PM

मानेसर (राजेश): करोड़ो की आबादी वाले देश में हर गांव में देवता होते है जब भी कोई विपत्ति गांव पर आती है तो लोग अपने इष्ट देवताओं को याद करते हैं। ठीक उसी तरह जिले के हर गांव में लगी शहीदों की मूर्ति भी देवता की परिचायक है। कारण कि जब भी देश पर या सीमओं पर कोई संकट आता है तो ये जांबाज अपने प्राणों की आहूति देकर देश की रक्षा करते हैं। इसलिए शहीदों को भी देवताओं की तरह पूजना चाहिए। यह बात शहीद नवादा गांव में शहीद रणजीत सिंह की मूर्ति अनावरण समारोह के दौरान मुख्य अतिथि जनरल बीएस सहरावत (सेना मैडल कर्नल ऑफ दी रेजिमेंन्ट, कुमाउंएवं बागा) ने कही।

समारोह में नवादा के समस्त ग्रामवासियों का सहयोग और आस-पास के गांव मानेसर, शिकोहपुर, नखड़ोला,नैनवाल,पचगांव, सहरावन, नहारपुर, कासन,खोह सहित 50 से भी अधिक गांवों की सरदारी ने भाग लिया और शहीद को पुष्प अर्पित किए। जनरल बीएस सहरावत ने कहा कि रेजांगला का युद्ध विश्व के दूसरे युद्धों में गिना जाता है रेजांगला के शहीद बहुत ही पूजनीय और वीर है।



पार्षद संगीता यादव के श्वसुर व समाजसेवी सतीश यादव ने बताया कि नवादा निवासी स्व: इंद्राज सिंह के पुत्र स्व: गोवरधन यादव के सुपोत्र शहीद रणजीत सिंह का जन्म स्व: मनभरी देवी एवं स्व: मामन के घर 01 अक्टूबर 1938 को हुआ। सिपाही रणजीत सिंह के तीन भाई कंवर सिंह,लाल सिंह व हरनारायण थे। नखड़ौला विद्यालय से आठवीं कक्षा पास करते ही रण्जीत 10 अक्टूबर 1956 को सेना में भर्ती हो गए। 18 नवम्बर 1962 को रेजांगला पास पर 13 कुमांउ की चार्ली कम्पनी ने चूसूल हवाई पट्टी की रक्षा के लिए मोर्चा संभाला। सिपाही रणजीत सिंह ने 12 से ज्यादा चीनी सैनिकों को मार गिराया और गोला बारुद खत्म होते ही अपनी जान की परवाह न करते हुए मोर्चे पर डटे रहे और अन्त में छाती में गोली लगने से शहीद हो गए।



मूर्ति अनावरण समारोह की अध्यक्षता डॉ टीसी राव ने की। समारोह के दौरान शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के जांबाज सैनिक सरहद पर हाड़ कंपा देने वाली-4 डिग्री तापमान पर देश की सिमाओं की रक्षा करते हैं, और जब भी जरुरत पड़ती है तो अपने प्राणों की बाजी लगाकर मां भारती की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार उन भुला दिए गए शहीदों की शहादत का सम्मान कर रही है।

Shivam