गठवाला खाप की महिलाओं को मिला घूंघट प्रथा से छुटकारा

2/20/2018 12:23:09 PM

सोनीपत(ब्यूरो): गठवाला खाप की महिलाएं अब घूंघट नही करेंगी। इस प्रथा से मलिक गौत्र की गठवाला खाप ने महिलाओं को छुटकारा दिलवाया है। यह जरूर है कि बुजुर्गों व बड़ों के सम्मान में महिलाएं सिर पर पल्लू रखेंगी। गोहाना के मलिक भवन में खाप के संस्थापक दादा घासीराम की जयंती पर आयोजित समारोह में यह फैसला लिया गया। इस समारोह में बिहार के राज्यपाल सत्यपाल सिंह मलिक के अलावा केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी पहुंचे थे।

गठवाला खाप के प्रधान दादा बलजीत सिंह मलिक ने समारोह में कई सामाजिक प्रस्ताव रखे, जिन्हें खाप के लोगों ने पास कर दिया। वहां फैसला लिया गया कि मलिक खाप के लोग 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान को बढ़ावा देेंगे और कन्या भ्रूण हत्या करवाने वालों की सामाजिक रूप से भर्त्सना की जाएगी। शादी या अन्य समारोह में डीजे नहीं बजाने व फायरिंग नहीं करने का फैसला भी हुआ। पर्यावरण को देखते हुए आतिशबाजी भी नहीं होगी। 

खाप के लोग अनावश्यक खर्च से बचने के लिए रात की जगह दिन में शादी करेंगे और शादियों में दहेज लेने व देने पर प्रतिबंध होगा। सत्रहवीं, मृत्यु भोज व दशोरी काज से परहेज किया जाएगा। इन कामों पर खर्च होने वाले रुपये को किसी कन्या गुरुकुल, पाठशाला या गोशाला में दिया जाएगा। गठवाला खाप के मलिक भवन के उत्थान में सहयोग देने की बात भी कही गई। यह फैसले होने के बाद मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि घूंघट प्रथा को खत्म करके खाप ने अच्छा फैसला लिया है, लेकिन महिलाओं के सिर पर पल्लू जरूर होना चाहिए।