दूरदराज से आने वाले मरीजों के लिए ईलाज कराना हुआ आसान, PGI ने शुरू किया डीजी सहायक कार्यक्रम

4/17/2023 7:34:47 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : दूर दराज से ईलाज कराने के लिए पीजीआई के चक्कर काट रहे मरीजों के लिए खुशखबरी है। अब कर्नाटक में सफलता के बाद रोहतक पीजीआई डीजी सहायक नाम से एक कार्यक्रम चला रहा है। जिसके तहत नजदीक सीएचसी और पीएचसी सेंटर में ही पीजीआई के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की देखरेख में 18 प्रकार की बीमारियों के ईलाज किए जाएंगे। यह कार्यक्रम पीजीआई में भीड़ घटाने और ईलाज के लिए चक्कर काट रहे मरीजों की सुविधा के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। रोहतक जिले के चिड़ी गांव सीएचसी सेंटर व झज्जर जिले के डीघल गांव के स्वास्थ्य केंद्र से इसकी शुरुआत होगी। मरीज एक डिवाइस के माध्यम से डॉक्टर से जुड़ेंगे।

पीजीआई में ईलाज कराने के लिए चक्कर काट के थक चुके मरीजों के लिए अब खुशखबरी है। पीजीआई प्रशासन ने लोगों का समय बचाने और पीजीआई में भीड़ घटाने के लिए  डीजी सहायक नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत हफ्ते में 3 दिन पीजीआई के स्पेशलिस्ट डॉक्टर गांव के नजदीक ही पीएचसी और सीएचसी सेंटर पर मरीजों को एक डिवाइस के माध्यम से देख सकेंगे और बीपी शुगर हार्ट बीट ब्लड टेस्ट समेत 18 प्रकार की बीमारियों का ईलाज कर सकेंगे। यह कार्यक्रम पीजीआई में मरीजों की भीड़ घटाने या उन मरीजों के लिए है जो अपना टेस्ट करवाने के लिए 2 से 3 दिन तक चक्कर काटते हैं। इससे मरीजों का समय और पैसा दोनों ही बचाया जा सकेगा। गांव के नजदीक पीएचसी और सीएचसी सेंटर में इसकी सुविधा एक डिवाइस के माध्यम से उपलब्ध होगी। जहां पर डॉक्टर सीधे मरीज से कनेक्ट हो सकेगा और 3 दिन तक लगने वाला समय मात्र 2 घंटे में ईलाज हो सकेगा।

पीजीआई की वाइस चांसलर डॉ अनीता सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि हफ्ते में 3 दिन बुधवार, वीरवार व शुक्रवार को इस कार्यक्रम के तहत पीजीआई के स्पेशलिस्ट डॉक्टर सीधे मरीजों से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि शुरू में यह कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा और जैसे ही इसका रिस्पॉन्स मिलेगा इसे निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक डिवाइस के माध्यम से नजदीक पीएचसी और सीएचसी सेंटर पर मरीजों से डॉक्टर सीधे जुड़ सकेंगे। उन्होंने बताया कि इससे मरीजों का समय और पैसा दोनों बचेंगे। साथ ही जो लोग पीजीआई में अपना ईलाज कराने के लिए 2 से 3 दिन तक चक्कर काटते थे अब उनका ईलाज मात्र 2 घंटे में हो जाएगा और तमाम टेस्ट की रिपोर्ट उन्हें मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में डीजी सहायक नाम से कार्यक्रम चलाया गया था जिससे मरीजों को काफी फायदा हुआ है।

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Content Editor

Mohammad Kumail