गोलमाल है सब भाई गोलमाल है: भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा हवा-हवाई

6/4/2021 11:40:54 PM

रेवाड़ी (मोहिंदर): 10 वर्ष तक कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचार का पर्याय बनी रेवाड़ी नगर परिषद भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने वाली भाजपा सरकार में भी अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के तमगे को नहीं हटाना चाहती। नगर परिषद में कांग्रेस शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता ने जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी लेकिन उस शिकायत पर कार्रवाई होने की बजाय उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। इससे सरकार की नियत का साफ पता लगता है। 

गत निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूनम यादव ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए नगर परिषद से भ्रष्टाचार साफ करने की बात कही थी उनकी बात पर भरोसा कर जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया। अब हम आपको बताते हैं कि नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव ने जैसे ही पदभार ग्रहण किया उसके बाद उनके ही कार्यकाल में ही जिन तस्वीरों में आप देख रहे हैं उस सड़क का निर्माण उनके ही कार्यकाल में कराया गया हैं। लेकिन यह सड़क भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई।

जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद यह सड़क एक मामूली सी बारिश भी नहीं झेल पाई। शुक्र है कि कोई बड़ा हादसा न घटने पाया। अब अधिकारियों की माने तो उनका कहना है कि यह सड़क बिना एस्टीमेट के ही तैयार हो गई और अधिकारियों को इस बात का कोई इलम ही नहीं है कि सड़क कब बनी, कितने में बनी, किसने बनाई, सब कुछ परचून की दुकान की जैसे चल रहा है। 



यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे अनेक मामले सामने आ चुके हैं लेकिन किसी अधिकारी या किसी ठेकेदार का बाल भी बांका नहीं हुआ है। अधिकारी से लेकर ठेकेदार तक, चेयर पर्सन से लेकर सेवादार तक सभी के सभी बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि आज तक नगर परिषद के गोलमाल की दर्जनों बार जांच करने की बात कही गई लेकिन आज तक न तो जांच हुई और ना ही जांच का परिणाम सामने आया। 

भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने वाली सरकार ने ही अपने एक वरिष्ठ नेता द्वारा भेजी गई शिकायत पर ही कुंडली मार ली हो तो आप समझ सकते हैं कि सरकार में इन अधिकारियों का कितना प्रभाव है। प्रभाव का इस बात से भी पता चलता है कि एक अधिकारी का तबादला होने के बाद वह एक दो महीने में ही घूम फिर कर फिर नगर परिषद रेवाड़ी में ही आ जाता है। अब यह  सड़क धसी सड़क निकाय चुनाव में भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र को चिड़ा रही है जिसमें भ्रष्टाचार खत्म करने का वायदा किया गया था। लेकिन चेयर पर्सन द्वारा अपनाएं कार्यकाल की शुरुआत करते ही जो पहली सड़क बनाई है उसका यूं धंस जाना अगले 5 वर्षों की रूपरेखा बताता है। 

नगर परिषद के भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी गंदे नाले पर बनाई गई तो करोड़ की लागत से बनी कंक्रीट सड़क कि बनने के बाद रोडिया निकलनी शुरू हो गई जैसे ही यह खबर मीडिया ने प्रमुखता से दिखाई तो नगर परिषद ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर रातों-रात इस पर सीमेंट में कंक्रीट का घोल डाल दिया और दिखावे के लिए ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी भी कर दिया लेकिन बिगड़ा किसी का कुछ नहीं।
 

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Content Writer

Shivam