खुशखबरी: एनसीआर की मंडियों में जल्द पहुंचेगा प्याज, यहां हुई बंपर पैदावार(VIDEO)

9/27/2019 3:53:48 PM

मेवात(एके बघेल): बढ़ती प्याज की कीमतों में एक अच्छी खबर आई है। मेवात में इस बार प्याज की बंपर पैदावार हुई है। किसान प्याज को उखाडऩे में लगे हुए हैं। जल्द ही यह प्याज एनसीआर की मंडियों में पहुंचेगा। इससे लोगों को प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी। बरसाती प्याज देश के चुनिंदा स्थानों में होता है, इनमें मेवात (नूंह ) भी शामिल है। सूबे में सबसे ज्यादा नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका उपमंडल में प्याज की खेती होती है।



गुणवत्ता से लेकर उत्पादन में मेवात प्याज का कोई जवाब नहीं है। अन्य इलाकों में होने वाले प्याज से अच्छे दाम मिलते हैं, साथ ही मेवाती प्याज एनसीआर की मंडियों में ग्राहकों को लुभाता है। नूंह जिले के खासकर फिरोजपुर झिरका और नगीना खंड के दर्जनों गांव के सैकड़ों किसान प्याज की खेती कई वर्षों से करते आ रहे हैं। करीब 17-18 हजार एकड़ भूमि में प्याज की फसल की इस सीजन में पौध लगाई गई है। 

किसान को भाव अच्छे मिलने पर कम समय में दो लाख प्रति एकड़ की आमदनी इस फसल से हो जाती है। इस बार बरसात भले ही कम हुई है, लेकिन पैदावार अच्छी हुई है। कुल मिलाकर रसोई का जायका बढ़ाने में सबसे अहम किरदार निभाने वाली मेवाती हरी प्याज मंडियों में आ चुका है। किसान प्याज को उखाड़कर मंडियों में भेजने में इन दिनों व्यस्त है। किसान प्याज की खेती दूरदराज से पौधे लाकर करता है। 



इस खेती से मेवात के सैकड़ों लोगों का रोजगार भी लगा हुआ है। मेवात प्रदेश का जिला प्याज उत्पादन में हमेशा से बेहतर करता आया है। इस बार भी क्षेत्र के किसानों ने करीब 17-18 एकड़  में प्याज की खेती कार बंपर पैदावार की है। प्याज के दाम इस बार आसमान छू रहे हैं। लाल दिखाई देने वाल प्याज इस बार और भी भाव की वजह से लाल दिखाई पड़ रहा है । प्याज के दामों की चारों तरफ चर्चा हो रही है।

खास बात यह है कि मेवात के किसान को प्याज के अच्छे भाव होने का लाभ मिलेगा ही , लेकिन जो भाव आसमान छू रहे हैं , उनमें भी बरसाती मेवाती प्याज के आने से कमी आना लाजमी है। जिले के बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहमद ने बताया कि जिला प्याज की खेती के लिए अव्वल नंबर पर है । पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष प्याज की अच्छी खेती हुई है।



केंद्र-राज्य की स्कीमों का लाभ भी प्याज उत्पादन करने वाले किसान उठा रहे हैं। खास बात यह है कि टपका प्रणाली इत्यादि स्कीमों से पानी कम और पैदावार अधिक होती है। नूंह जिले में टयूबवैल और नहरी पानी की कमी के बावजूद भी प्याज की यहां अच्छी खेती होती है। हरी प्याज की वजह से मंडियों से लेकर खेतों की रौनक इन दिनों देखने लायक है, तो भाव अच्छे मिलने की आस से किसान से लेकर बागवानी विभाग तक खुश है। 

Shivam