अलविदा 2019: अधूरे रह गए रानियां के विकास कार्य

12/29/2019 1:16:34 PM

रानियां(दीपक): साल 2019 अंतिम करवट ले रहा है। 3 दिन बाद नया साल-2020 शुरू हो जाएगा। रानियां कस्बे की कई सामूहिक समस्याएं पूरे साल के दौरान अपने हल होने की बाट जोहती रहीं लेकिन नतीजा शून्य ही रहा है। साल खत्म होने पर है पर समस्याएं ज्यों कि त्यों हैं। 2019 में रानियां इलाके के लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी हैं। अब जिम्मेदार अधिकारियों व नेताओं ने आश्वासन दिया है कि नए साल के शुरूआती महीनों में समस्याएं हल करवा देंगे।

इस पर लोगों के मन में सवाल है कि इस साल समस्याएं हल होंगी या नहीं, क्योंकि पहले हमेशा रानियां से विपक्षी पार्टी का विधायक बनता आया है और शहर में विकास कार्य उस रफ्तार से नहीं हो पाएं जिस रफ्तार से होने चाहिए थे लेकिन इस बार रणजीत सिंह आजाद चुनाव लड़कर रानियां से विधायक बने हैं और सत्ता में कैबिनेट मंत्री के पद पर काबिज हैं और उनके पास ऊर्जा व जेल विभाग है। अब देखना यह है कि रानियां की जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले रणजीत सिंह विकास के दावों पर कितना खरा उतरते हैं।

रानियां क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग रानियां को सब डिवीजन बनाना भी अधर में लटकी हुई है। इसके अलावा रानियां को कुत्ताबढ़ से जोडऩे वाले घग्घर नदी पर पुल पर 16 करोड़ की लागत से पुल बनाया जाना था लेकिन अभी तक काम नहीं शुरु किया गया हैं। करीवाला को ऐलनाबाद से जोडऩे के लिए पुल का निर्माण किया जाना था यह भी नहीं शुरु हुआ। शहर में सीवरेज व्यवस्था को सृदृढ़ करने के लिए 15 करोड़ खर्च किए जाने थे, इसके अलावा रानियां में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट बनकर तैयार हैं लेकिन उसे भी शुरु नहीं किया गया हैं।

पराली की समस्या जो इस वर्ष किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या थी, पराली के निपटान के लिए पेपर मिल का निर्माण किया जाना था वह भी अधर में लटक गई। वर्ष 2016 में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रानियां को रेलवे लाइन से जोडऩे की घोषणा की गई थी उस पर भी कोई अमल नहीं किया गया है। ग्रामीण न्यायालय का भवन कंडम घोषित होने के बाद उसे अस्थायी रूप से तहसील के भवन में शिफ्ट किया गया है। ग्रामीण न्यायालय को रैगुलर बनाने हेतु व उसका नया भवन बनवाने हेतू की मांग को भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है।

बिजली फीडरों का टी.एन.डी लोस 20 प्रतिशत से कम होगा उन्हें 24 घंटे बिजली दी जाएगी यह भी मात्र घोषणा ही रहीं। रानियां के गांव भड़ोलियांवाली, दारियावाला, मत्तुवाला व नानूआना में सोलर प्लांट लगाए जाने थे लेकिन ये कार्य भी पूरा नहीं किया जा सका। इसके अलावा ब्लॉक में 10 व्यायामशालाएं खोली जानी थी, ये कार्य भी अभी अधूरा है पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहन देने के लिए खेल स्टेडियम का निर्माण किया गया था, लेकिन खेल स्टेडियम बन तो गया लेकिन अभी तक खेल विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है जिसके कारण इसमें खेल की कोई सुविधा नहीं है। यह समस्या भी सफेद हाथी बनकर रह गया हैं।

रानियां के लोगों की बहुत पुरानी मांग नहरी पानी उपलब्ध करवाने की भी मांग बनकर रह गई। नहरी पानी भी लोगों को उपलब्ध नहीं हो सका। इसके अलावा रानियां से लंबे रूटों जैसे बणी से चंडीगढ़ की बस सुविधा से भी पिछले काफी समय से बंद हैं, ऐलनाबाद से दिल्ली केवल 1 रूट चल रहा हैं, इसके अलावा रानियां से दिल्ली, हिमाचल, राजस्थान, पंजाब के लिए कोई बस सुविधा नहीं हैं।

इसके अलावा 10 फरवरी 2017 को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफैं्रसिंग के माध्यम से गल्र्स कॉलेज का शिलान्यास किया था और तब तक भवन तैयार नहीं हो तब तक अस्थायी तौर पर रानियां के राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में कक्षाएं लगाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन लम्बा समय बीत जाने के बाद अभी तक राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में कक्षाएं लगाई जा रही, कॉलेज को नए भवन में अभी तक शिफ्ट नहीं किया गया है। 

रणजीत सिंह, बिजली मंत्री ने कहा कि रानियां के विधायक व बिजली मंत्री रणजीत सिंह का कहना हैं कि ऐसा नहीं है कि सरकार द्वारा विकास कार्य नहीं कि जा रहे हैं, मुख्यमंत्री द्वारा की गई 1-1 घोषणा को पूरा किया जाएगा। रानियां के विकास के लिए जो घोषणाएं हुई थी उन सब पर काम चल रहा हैं, हर चीज को पूरा होने में समय तो लगता हैं। मुख्यमंत्री घोषणा के सभी कार्य को पूरा किया जाएगा। सरकार सबका साथ सबका विकास नारे के अनुरूप चल रही हैं, कहीं पर विकास कार्यों में कमी नहीं आने दी जाएगी। 

Edited By

vinod kumar