सूरजकुंड मेले में बंदियों और कैदियों के सामानों की दिखेगी धूम, 100 रुपए से 15 हजार तक के प्रोडक्ट की लगेगी प्रदर्शनी

2/2/2023 9:04:17 PM

यमुनानगर(सुमित): जिला जेल में बंदियों और कैदियों द्वारा आयुर्वेदिक प्रोडक्ट से लेकर फर्नीचर और कई अन्य प्रोडक्ट तैयार किए गए हैं। जिसकी प्रदर्शनी सूरजकुंड मेले के अंदर लगाई जाएगी। इसमें 100 रुपए से 15 हजार तक प्रोडक्ट प्रदर्शनी में दिखाई देंगे। इन प्रोडक्ट की डिमांड गीता जयंती के बाद बढ़ी है। गीता जयंती पर लगी प्रदर्शनी में इन प्रोडक्ट्स का काफी सराहा गया है। इन प्रोडक्ट को ऑनलाइन करने के बारे में भी विचार किया जा रहा है।

यमुनानगर जिला जेल के एसपी विशाल छिब्बर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जेल में बंदियों के दिमाग से नकारात्मक सोच को हटाने के लिए इस तरीके के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि जब वह भविष्य में जेल से बाहर जाएं तो मुख्यधारा में समाज के साथ सीधे जुड़े और एक स्किल्ड पर्सन बनकर निकले,जिससे वह अपना जीवन यापन भी कर सकें। अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में कैदियों और बंदियों की मेहनत से तैयार किए गए आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के साथ-साथ फर्नीचर और कई अन्य प्रोडक्ट की धूम देखने को मिलेगी।

यमुनानगर जिला जेल के अंदर 22 तरीके के आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाए जाते हैं।यमुनानगर जिला जेल के विशाल छिब्बर ने बताया कि जेल के बंदियों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स को और बनाए गए फर्नीचर को और अन्य प्रोडक्ट को गीता जयंती में लगी प्रदर्शनी में काफी पसंद किया गया। उसके बाद उसके बाद हमें प्रेरणा मिली कि लोगों की क्या डिमांड है और उन्हें क्या पसंद है। उसमें कई नई चीजें ऐड की गई है। कारपेंटर सेक्शन में और आयरन सेक्शन में लोगों की पसंद के अनुसार हमने समान बनाया। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट से लकड़ी से बने कुर्सियां,बेड, शो पीस, आयरन सेक्शन में लोहे की अलमारियां हैं हॉस्पिटल बेड बनाते हैं।

आयुर्वेदिक के अंदर 22 तरीके का लाइसेंस हमारे पास है। जो भी हमारी कॉस्ट आती है। उस पर 10 परसेंट लेते हैं जो सरकार के खाते में जाता है। इसमें अलग प्रकार की तरह डाइनिंग टेबल है अलग-अलग प्रकार के पोट स्टैंड है 23 से 29 तरह है। हम  इस सभी प्रोडक्ट्स को   सूरजकुंड मेला के अंदर भेजेंगे।हमारे जेल में 100 रुपए से लेकर 15 हजार तक के प्रोडक्ट जेल में बनाए जा रहे हैं। इनको बनाने में पूरी मेहनत लगती है। जेल की पूरी टीम है और कारपेंटर,आयरन और आयुर्वेदिक सेक्शन में 50 से 60 लोगों की टीम काम करती है। जिसमे देखा जाता है कि किस तरह की चीज बनाई जाए। जो लोगो को पसंद आए। इस तरह पूरी मेहनत से हर प्रोडक्ट बनाया जाता है। जेलों को लेकर लोगों में गलत धारणा है,लेकिन कैदियों, बंदियों का पुनरूत्थान हो सके।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma