नियमों की उड़ रही धज्जियां, अरावली में पंचायत की जमीन बिल्डर को बेची

4/15/2018 11:32:33 AM

गुडग़ांव(ब्यूरो): अरावली में अवैध निर्माण, शिकार और अतिक्रमण का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला अरावली क्षेत्र में ही ग्राम पंचायत की जमीन को प्रशासन की आंख में धूल झोंककर बेचने का सामने आया है। मुख्यमंत्री विंडो पर ऑनलाइन दर्ज शिकायत में कहा गया है कि तकरीबन 46 एकड़ ग्राम पंचायत की भूमि को मिलीभगत करके एक प्राइवेट बिल्डर को बेच दिया गया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए गुडग़ांव प्रशासन को इसकी जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री विंडो पर प्राप्त शिकायतों के मासिक समीक्षा के दौरान सामने आया कि गुडग़ांव के अरावली क्षेत्र में स्थित गैरतपुर और रायसीना गांव में 46 एकड़ भूमि को बेच दिया गया है। यह भूमि सार्वजनिक उपयोग की ग्राम पंचायत की जमीन बताई गई है जिसे बेचना गैरकानूनी है। जब यह मामला सामने आया तो हड़कंप मच गया और इसे लेकर संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। 

मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. भूपेश्वर दयाल और अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश गुप्त ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए गुडग़ांव प्रशासन को आदेश दिए हैं कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार भूमि के बारे में जांच की जाए और मामला सही पाए जाने पर मामला दर्ज किया जाए। बताया जाता है कि यह भूमि सरपंच और गांव से संबंधित पटवारी और तहसीलदार की मिलीभगत से बिल्डर को बेचा गया होगा। इस बारे में संबंधित अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा गया है कि इस मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए और मुख्यमंत्री कार्यालय को की गई कार्रवाई से अवगत करवाया जाए।

क्या होता है ग्राम पंचायत की भूमि 
ग्राम पंचायत की भूमि एक तरह से सरप्लस भूमि कहा जाता है। जिसका उपयोग सार्वजनिक उपयोग के लिए किया जाता है। इस भूमि पर खेल के मैदान, स्कूली शिक्षा अथवा अस्पताल आदि के निर्माण के लिए किया जाता है। सार्वजनिक भूमि का क्रय विक्रय करना कानूनन अपराध है। ऐसे भूमि का व्यावसायिक अथवा निजी उपयोग नहीं किया जा सकता है बल्कि सार्वजनिक हित में प्रयोग किया जा सकता है।

पंजाब केसरी उठाता रहा है अवैध निर्माण का मामला
अरावली क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण पर राष्ट्रीय हरित न्यायालय ने प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाकर आए दिन निर्माण से लेकर भूमि के खरीद बिक्री का सिलसिला जारी है। गत दिनों अवैध अतिक्रमण को लेकर वन विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में पत्थरों को तोडऩे और चोरी छिपे शिकार की अनेक घटनाएं सामने आती रही हैं। पंजाब केसरी इस पूरे मामले को प्रमुखता से उठाता रहा है लेकिन स्थानीय प्रशासन की नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है।  

Deepak Paul