हरियाणावी युवाओं को निजी क्षेत्र में आरक्षण के दावे से सरकार व उद्योगपतियों में टकराव की स्थिति

7/8/2020 5:18:05 PM

गुरुग्राम (मोहित): प्रदेश सरकार का हरियाणा के युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का दावा भविष्य में सरकार व उद्योगपतियों में टकराव पैदा कर सकता है। जिसके संकेत अभी से ही मिलना शुरू हो गए हैं। इस मुद्दे पर गुरुग्राम के उद्योगपतियों ने विरोध जताया और कहा कि एक तरफ पीएम मोदी सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं और दूसरी और हरियाणा सरकार ऐसे सियासी बयानबाजी कर रही है। इंड्रस्टीयल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट केके गांधी का कहना है कि यह फैसला राजनैतिक तौर पर तो फायदा दे सकता है, लेकिन उद्योगों को इस सियासी फैसले से फायदा होगा ऐसा लगता नही है।

ब्यूटिक इंटरनेश्नल के मालिक रमन दीप सिंह का कहना है कि हरियाणा सरकार का यह फैसला काबिलेतारीफ है, लेकिन उद्योगों को अनुभवी कर्मचारी चाहिए, जो कि हरियाणा में बहुत कम है, ऐसे में सरकार को पहले हरियाणा के युवाओं को उद्योगों के लिए तैयार करना होगा, उन्हें बेहतरीन ट्रेनिंग देनी होगी। उद्योगों को स्किल्ड लेबर की जरूरत है जो मौजूदा वक्त में हरियाणा में दिखाई नहीं देती।

वहीं डायनेमिक डिजाइन के मालिक भूपिंदर सचदेवा की माने तो सालों से उनके यहां बिहार, यूपी,और अन्य राज्यों से आए प्रवासी भारतीय ही उद्योगों में काम करते आ रहे हैं। मौजूदा वक्त में भी उनकी यूनिट में 20 प्रतिशत कर्मी भी हरियाणा से नहीं हैं।

हालांकि यह फैसला अभी मानसून सत्र में विधानसभा में लाकर इसे पारित करवाने के प्रयास किया जाने बाकी है, लेकिन उद्योगपतियों की माने तो ऐसे किसी भी फैसलों से राजनैतिक लाभ तो लिया जा सकता है, लेकिन उद्योगों के लिए ऐसे फैसले विनाशकारी साबित हो सकते हैं।

Shivam