बिजली संशोधन विधेयक के जरिए सरकार ने किसानों के साथ किया विश्वासघात: किसान नेता

8/12/2022 8:12:35 PM

ऐलनाबाद(सुरेन्द्र सरदाना ):  केंद्र सरकार द्वारा संसद में बिजली संशोधन बिल 2022 पेश करके सरकार ने किसानों के साथ एक बहुत बड़ा विश्वाशघात किया है। यह बात सयुंक्त किसान मोर्चा के सदस्य आत्मा राम झोरड़ ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 11 दिसंबर को जब संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन स्थगित किया था, तो उस समय केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए पत्र के बिंदु  नम्बर 4 में यह वादा किया गया था कि बिजली बिल लाने से पहले ऐसकेएम  के साथ चर्चा की जाएगी। लेकिन एसकेएम  से चर्चा किए बगैर 8 अगस्त को बिजली संशोधन बिल 2022 संसद में पेश कर दिया  गया, जो देश के किसानों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि इस बिल का गम्भीर अध्यन्न व उस पर चर्चा करने के बाद ये मालूम पड़ता है कि यह बिल संविधान व देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। इस बिल के माध्यम से केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है, जिससे भविष्य में किसान हितों को नुक्सान पहुंचेगा।

 

इस मुद्दे पर एसकेएम  अराजनैतिक की ऑनलाइन मीटिंग में चर्चा करके देशभर के 60 से अधिक किसान संगठनों ने तय किया कि कर्नाटक में 13 अगस्त को और अन्य राज्यों में 17 अगस्त को इस बिल के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा। जिसके तहत जिला व तहसील स्तर पर रोष मार्च निकालकर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया जाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि सभी किसानों तथा अन्य उपभोक्ताओं को इसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होकर अपना रोष दर्ज कराना चाहिए। आने वाली 22 तारीख को दिल्ली में जंतर-मंतर पर 1 दिन का रोष प्रदर्शन पूरे भारतवर्ष से किसान इकट्ठा होकर करेंगे। जिसमें एमएसपी, बिजली संशोधन बिल तथा लखीमपुर खीरी जैसे अहम मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी देंगे। किसानों की भागीदारी इसमें ज्यादा से ज्यादा सुनिश्चित करने के लिए जिला सिरसा से अपील की गई है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan