सरकारी विभागों को जी.एस.टी. अधिनियम के प्रावधानों को ध्यान में रखने की दी सलाह

6/8/2018 3:21:01 PM

चंडीगढ़:  हरियाणा सरकार ने जी.एस.टी. अधिनियम के प्रावधान को ध्यान में रखते हुए राज्य के सरकारी विभागों को माल और सेवाओं की खरीद व आपूर्ति हेतु जी.एस.टी. अधिनियम के प्रावधानों को ध्यान में रखने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि जी.एस.टी. खपत आधारित कर है और इस प्रकार से यह उस राज्य को जमा करता है जहां इसे अंतत: उपभोग किया जाता है। यह प्रावधान इस संदर्भ में महत्व माने जाते हैं कि हरियाणा राज्य के कई कार्यालय चंडीगढ़ में स्थित हैं और कुछ कार्यालय दिल्ली में भी स्थित हैं तथा चंडीगढ़ एक केंद्र शासित स्थान है और हरियाणा राज्य का हिस्सा नहीं है। 

इसलिए संभावना है कि राज्य द्वारा प्राप्त माल और सेवाओं पर लगाए गए जी.एस.टी. का राज्य कर हिस्सा चंडीगढ़ या दिल्ली में जा सकता है, जैसा कि मामला हो सकता है। हालांकि कर का बोझ राज्य द्वारा उठाया जाएगा। इसलिए यह परामर्श है कि माल या सेवाओं या काम अनुबंधों की आपूर्ति के लिए अनुबंध देने के दौरान विभाग इन दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखें। जी.एस.टी. कानून में ‘आपूर्ति की जगह’ की एक अवधारणा है। 

माल की आपूर्ति के लिए आपूर्ति की जगह को अनुभाग के तहत व्यापक रूप से एकीकृत माल एवं सेवा कर, 2017 की धारा 10 के अंतर्गत परिभाषित किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि आपूर्ति के ऐसे मामलों में, विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माल की डिलीवरी हरियाणा राज्य के भीतर किसी भी स्थान पर ली जाए। यह ऐसे लेनदेन की आपूर्ति की जगह होगी। विभाग तदानुसार आपूर्ति के अपने आदेश तैयार कर सकते हैं ताकि आपूर्ति की जगह हरियाणा राज्य में हो सके।
 


 

Shivam