हरियाणा में गन्ने का सर्वाधिक भाव देकर किसानों में ‘मिठास’ घोल रही सरकार

3/7/2021 12:17:12 PM

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा में भाजपा की सरकार बने लगभग साढ़े 6 वर्ष का समय हो चुका है और इस अवधि दौरान दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल खट्टर ने जहां किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की तो गन्ने की खेती को लेकर भी उन्होंने न केवल अनेक प्रोत्साहनकारी नीतियां लागू की बल्कि गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ने की देश में सर्वाधिक कीमत देकर उनके मुंह में भी ‘मिठास’ घोलने का काम किया है। प्रदेश में जब वर्ष 2014 में भाजपा की पहली बार सरकार बनी तब गन्ने की खेती को लेकर किसानों की रुचि कम होती जा रही थी, स्थिति को समझते हुए मनोहर सरकार ने गन्ने की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनेक कारगर कदम उठाने के साथ साथ गन्ने के रेटों में वृद्धि करके फिर से किसानों को गन्ने की ओर जोड़ा। 

इन साढ़े 6 सालों में मुख्यमंत्री की इस दिशा में की गई इस पहल का ही परिणाम है कि आज जहां हरियाणा में गन्ने का रकबा बढ़ा है तो वहीं चीनी उत्पादन में वृद्धि होने के साथ साथ किसानों को गन्ने की कीमत 350 रुपए प्रति क्विंटल दी जा रही है, जो देश में सर्वाधिक है और बढ़ती पैदावार के साथ शूगर मिलों में गन्ने क्रशिंग क्षमता भी अधिक हुई और चीनी का उत्पादन भी बढ़ा है।

पानीपत व करनाल शूगर मिल की बढ़ेगी क्षमता
राज्य सरकार की ओर से पानीपत जिले के गांव दाहड़ में 1800 टन दैनिक पिराई की क्षमता वाली शूगर मिल की क्षमता को 5000 टी.सी.डी. करने पर कार्य चल रहा है। 354 करोड़ रुपए से बनने वाली इस मिल में 2020-21 सीजन में ही गन्ने की बढ़ी हुई क्रशिंग क्षमता के साथ कार्य शुरू कर दिया जाएगा। शाहबाद व रोहतक शूगर मिल की तर्ज पर यहां पर 28 मैगावाट का एक बिजली प्लांट भी लगाया जाना है। इसी प्रकार से प्रदेश में करनाल की शूगर मिल की क्षमता 3500 से 5 हजार टी.सी.डी. करने एवं 18 मैगवाट की शूगर रिफाइनरी का कार्य जारी है और यह सभी कार्य अगले पिराई सीजन तक शुरू होने की संभावना है।

गन्ने के उत्पादन के साथ मिलों में बढ़ी क्रशिंग 
वर्ष 2005-06 से लेकर 2013-14 तक गन्ने की क्रशिंग 473.24 लाख क्विंटल थी जो 2014-15 से लेकर 2019-20 तक बढ़कर 654.78 लाख क्विंटल हो गई जोकि 38.36 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार गन्ने की पिराई में भी इन साढ़े 6 वर्षांे में 181.54 लाख क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई। कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पिछले डेढ़ दशक में राज्य में गन्ने की पैदावार बढ़ी है और शूगर मिलों में गन्ने की क्रशिंग क्षमता में भी वृद्धि हुई है।    

साढ़े 6 वर्षों में 101.67 क्विंटल प्रति हैक्टेयर बढ़ी गन्ने की उत्पादकता
गौरतलब है कि हरियाणा में 2014-15 से लेकर पूरे देश में गन्ने का सबसे अधिक भाव किसानों को दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की 14 शूगर मिलों में प्रतिदिन 47,200 टन गन्ने की क्रशिंग हो रही है। वहीं अब प्रति हैक्टेयर गन्ने का उत्पादन 787.87 क्विंटल तक पहुंच गया है जबकि 2013-14 के दौरान प्रदेश में गन्ना की औसत उत्पादकता 686.20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर थी। इस प्रकार इन साढ़े 6 वर्षांे में गन्ने की उत्पादकता में 101.67 क्विंटल की वृद्धि हुई है जिससे अब हरित प्रदेश में गन्ने के खेत लहलहाते नजर आते हैं। 

गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं की जा रही क्रियान्वित: डा. बराड़
कृषि एवं कल्याण विभाग में अतिरिक्त गन्ना आयुक्त डा. जगदीप बराड़ का कहना है कि विभाग की ओर से गन्ने का रकबा व पैदावार बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं। विभाग द्वारा इन योजनाओं के लिए 20 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है। 

गन्ना उत्पादकों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने का प्रयास: खट्टर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर अनेक कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर रही है तो वहीं प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों को देश में गन्ने का सर्वाधिक मूल्य 350 रुपए प्रति क्विंटल देकर उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने का प्रयास है।

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Content Writer

Manisha rana