शिक्षा,चिकित्सा,सुरक्षा और बिजली पानी की व्यवस्था समेत हर मोर्चे पर विफल हुई सरकार : अरोड़ा

punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 09:26 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द धान खरीद शुरू करने की मांग करते हुए आढ़तियों की समस्याओं के समाधान करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा स्वयं 15 जून से धान की बिजाई की शुरुआत की बात कही गई और 3 माह में यह फसल तैयार होती है। इस हिसाब से 15 सितंबर तक फसल की खरीद शुरू हो जानी चाहिए। लेकिन सरकार अपने मनमाने रवैया को बरकरार रखे हुए है। सरकार 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करने वाली है।

 

जबकि किसान मजबूरन अपनी फसले अन्य तरीकों से बेचने का प्रयास करेंगे। इससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसलिए जल्द से जल्द प्रदेश सरकार को मंडियों में खरीद की शुरुआत कर देनी चाहिए। उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि सरकार का काम प्रदेश की जनता को अच्छी शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा और सुचारु रुप से बिजली पानी की व्यवस्था देना होता है। लेकिन हर मोर्चे पर विफल साबित हुई। यह सरकार किसानों को ही नहीं आढ़तियों को भी परेशान करने से बाज नहीं आ रही है।

 

सरकार जवाब दे ती सौ करोड़ रुपए किसकी जेब में गए: अरोड़ा

 

अशोक अरोड़ा ने कहा कि हर फसल पर आढ़तियों पर नए-नए तरीके थोपे जा रहे हैं। आढ़तियों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। जिससे आढ़ती हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं। ना केवल आढ़ती बल्कि सरकार के इस फैसले से किसान का भी भारी नुकसान हो रहा है। आढ़ती और किसान का दामन चोली का साथ है। सरकार को मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत प्रभाव से आढ़तियों को बुलाकर उनकी मांगों को मानना चाहिए। किसान और व्यापारी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

 

लेकिन सरकार इस समस्या के समाधान की बजाए जानबूझ कर अनदेखा कर रही है। अरोड़ा ने कैग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि हम लगातार इस सरकार पर घोटालों पर घोटाले का आरोप लगा रहे थे। आए दिन कहीं रजिस्ट्री- कहीं धान- कहीं शराब घोटाले की बात हमने उजागर करने की कोशिश की। लेकिन हाल ही में कैग द्वारा छापी गई रिपोर्ट के अनुसार दारु के रेट बढ़ाने से सरकार को तीन सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। हमारी घोटाले की शंकाओं पर कैग ने मुहर लगाई है। अब सरकार को इस रिपोर्ट पर आगे आकर जवाब देना चाहिए कि आखिर यह तीन सौ करोड रुपए किसकी जेब में गए। 

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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