फर्जी फर्में बनाकर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, 2 फर्म संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज

11/22/2019 12:06:28 PM

अम्बाला शहर (हरिंद्र/कोचर): जी.एस.टी. के नाम पर सरकारी खाते में 2 फर्जी फर्मों ने टैक्स न जमा करवाकर करोड़ों की धोखाधड़ी की है। आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई जिसके बाद शहर सिटी थाने में 2 फर्जी फर्मों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विभाग द्वारा की गई जांच में 7 फर्जी फर्मों के नाम सामने आए थे जिनमें से 3 फर्म संचालकों पर बुधवार को मामला दर्ज हो चुका है जबकि 2 पर वीरवार को केस दर्ज किया गया।  वहीं 2 अन्य फर्मों पर केस दर्ज करने के लिए भी फाइल थाने में भेज दी गई है। नामजद किए गए 2 आरोपी पंजाब के रहने वाले हैं और अंबाला शहर में फर्मों का जो पता दिया गया था वह भी फर्जी निकला है। 

बिना टैक्स दिए 65 लाख का लाभ कमाया
पुलिस द्वारा सिटी थाने में जो मामला दर्ज किया गया है उसमें आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी धनपति भारद्वाज द्वारा शिकायत दी गई थी। अधिकारी ने बताया कि 21 दिसम्बर 2018 को उनके विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर हीरा नगर निवासी हरिंद्र सिंह ने हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम-2017 के तहत हरियाणा मैसर्ज स्टील के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाया और जी.एस.टी. नम्बर ले लिया। लेकिन जब अधिकारियों ने मामले की जांच की तो हरिंद्र सिंह का असली पता मॉडर्न कालोनी मंडी गोङ्क्षबदगढ़ पंजाब का निकला।

 जब टीम ने दिए गए पते पर पहुंचकर जांच की तो सामने आया कि इस नाम से हीरा नगर में कोई फर्म ही नहीं थी। इस व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन करवाया था। इस फर्म ने अप्रैल 2019 से अगस्त 2019 तक 3 करोड़ 62 लाख 44 हजार 447 रुपए के हरियाणा समेत अन्य कई राज्यों में बिल व ई-वे बिल जारी किए। खरीदारी करने वाले व्यापारियों ने करीब 65 लाख 24 हजार 39 रुपए का इनपुट क्रेडिट लाभ लिया। जबकि फर्म के पास न तो अपना खुद का कोई टैक्स क्रेडिट है और न ही सरकारी खाते में यह टैक्स जमा करवाया। पुलिस ने हरिंद्र सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

सरकार को नहीं दिया 27 लाख का टैक्स 
इसी प्रकार से अन्शु जथौल ने प्रो. मैसर्ज ए.एस. अलायज, घेल रोड हीरा नगर अम्बाला शहर के नाम पर आबकारी एवं कराधान विभाग के पास जी.एस.टी. के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था। उसने फर्म के नाम से दिसम्बर 2018 से मार्च 2019 तक 1 करोड़ 51 लाख 25 हजार 708 रुपए के बिल और ई-वे बिल काटे। दूसरे व्यापारियों से उसने 27 लाख 22 हजार 626 रुपए का क्रेडिट फायदा भी लिया लेकिन सरकार खाते में कोई टैक्स जमा नहीं करवाया। उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जी.एस.टी. नंबर लेकर उसने सरकार को चूना लगाया। 

2 अन्य फर्मों पर दर्ज होना है मामला 
वहीं बुधवार को पहले ही आबकारी एवं कराधान विभाग की शिकायत पर 3 फर्जी फर्मों के खिलाफ पहले ही सिटी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो चुका है। वहीं विभाग के मुताबिक उनके द्वारा पुलिस को कुल 7 फर्मों के खिलाफ शिकायत दी है जिनमें से अभी तक केवल 5 पर ही केस दर्ज हुआ है। जबकि 2 अन्य फर्मों पर अभी केस दर्ज जल्द ही होने वाला है। 

Isha