हाईकोर्ट के फैसले से सरकार की बढ़ेंगी मुश्किलें
6/1/2018 8:41:57 AM
चंडीगढ़(पांडेय): वर्ष 2014 में पूर्व की हुड्डा सरकार के दौरान कच्चे कर्मियों को पक्का करने के लिए बनाई गई नियमितीकरण पॉलिसी को हाईकोर्ट की ओर से निरस्त करने के फैसले से खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस फैसले से जहां प्रदेश के करीब 5 हजार कर्मचारी सीधे तौर से प्रभावित होंगे तो वहीं यह फैसला अब करीब 35 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के रास्ते में भी रोड़ा बन गया है।
चुनावी वर्ष में हाईकोर्ट का यह आदेश खट्टर सरकार के गले की फांस बन गया है। क्योंकि अब कर्मचारियों के हितों में सरकार को आगे आकर ऊपरी अदालत में फैसले को चुनौती देनी पड़ेगी। हालांकि सरकार के सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद सरकार की ओर से नई रणनीति तैयार की जाएगी और जरूरत पड़ी तो दूसरे राज्यों की पॉलिसी को भी अपनाया जा सकता है।
गौरतलब है कि पूर्व की हुड्डा सरकार में 3 और 10 साल की नियमितीकरण पॉलिसी के तहत करीब 5200 कच्चे कर्मियों को पक्का किया गया था। इन कर्मियों का प्रोबेशन पीरियड खत्म होकर करीब 4 वर्षों की नौकरी हो गई है।
यह मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था और सरकार की ओर से जोरदार पैरवी की बात कही जा रही थी लेकिन हाईकोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को खासा झटका लगा है। पहले से ही सरकार कच्चे कर्मियों को पक्का करने की मांग से जूझ रही है, ऐसे में इस फैसले ने और मुश्किलें बढ़ा दी हैं।