बरौदा उपचुनाव परिणाम के बाद सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो जाएगी : दीपेंद्र हुड्डा

8/19/2020 11:07:31 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा जो बरौदा उपचुनाव को लेकर काफी सक्रिय हैं तथा उस क्षेत्र में लगातार जनसभाएं कर रहे हैं का मानना है कि कांग्रेस वहां फिर से जीत हासिल करेगी। हुड्डा कहते हैं कि इसका मुख्य कारण यह है कि भाजपा-जजपा सरकार ने बरौदा की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया है। विकास के लिए 6 वर्षों में कुछ किया नहीं, अब जाकर बरौदा की याद आने लगी है, इन्हीं कुछ मुद्दों को लेकर ‘पंजाब केसरी’ के दीपक बंसल से उनसे बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश : 

सवाल : बरौदा उपचुनाव कांग्रेस के साथ हुड्डा व आपके लिए भी एक चुनौती है? क्या इस चुनौती से पार पाएंगे?
जवाब :
कांग्रेस मिल-जुलकर चुनाव को लड़ेगी और चुनाव में उतरने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। मौजूदा सरकार को घमंड आ गया है जिसका बरौदा की जनता उपचुनाव में जवाब देगी। गरीब की योजनाओं पर ग्रहण, किसानों की दुर्दशा, प्रदेश के विकास का पहिया पटरी से उतरना, कर्ज का बढऩा, एक पैसा निवेश का न आना, बरौदा की जनता सब जानती है। बरौदा का चुनाव रैफरैंडम का काम करेगा और नतीजे के बाद सरकार की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। 

सवाल : सरकार लगातार समान विकास का दावा कर रही है, जबकि आपका कहना है मौजूदा सरकार बरौदा को हरियाणा के नक्शे में ही नहीं मानती, क्या चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के बीच मुकाबला रहेगा?
जवाब : सरकार को जाने कैसे अब बरौदा का नाम याद आने लगा है, जबकि पिछले 6 वर्षों दौरान मुख्यमंत्री की तो छोडि़ए कोई भाजपा नेता वहां की सुध लेने नहीं गया। सरकार ने बरौदा के साथ सौतेला व्यवहार किया, अब पता नहीं किस मुंह से विकास की बात कर रहे हैं। सरकार में इतना अहंकार हो गया कि एक मंत्री ने तो यहां तक कह दिया एक सीट की हार-जीत से सरकार को क्या फर्क पड़ता है। कांग्रेस व भाजपा के बीच मुकाबला होगा बाकी तो वोट काटू दल कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने का प्रयास करेंगे। यह चुनाव हुड्डा/मनोहर लाल के बीच नहीं है, बल्कि सरकार और जनता के बीच है।

सवाल : जजपा नेता दिग्विजय चौटाला भी लगातार बरौदा क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं? क्या उनके दौरों का कुछ असर पड़ेगा, क्योंकि वह पहले भी सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं?
जवाब : बरौदा के लोग भलीभांति समझते हैं कौन उनका है और कौन पराया? किसी के चुनावी दौरे करने से जनता बहकावे में नहीं आने वाली है। हुड्डा को हराने के लिए दिग्विजय ने सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से पर्चा भरा, किसके इशारे पर भरा, यह बात भी सब जानते हैं। जजपा के एक विधायक यह बात कह चुके हैं कि दिग्विजय ने भाजपा के इशारे पर हुड्डा को हराने के लिए सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से पर्चा भरा था तो क्या यह बात जनता नहीं जानती है। चुनाव परिणाम के बाद सारी असलियत पता लग जाएगी। 

सवाल : आप किन मुद्दों को लेकर बरौदा की चुनावी रण में उतरेंगे?
जवाब :
यह बात दोबारा कह रहा हूं कि मौजूदा सरकार ने बरौदा के साथ सौतेला व्यवहार किया। नई परियोजनाओं की बात तो छोडि़ए जो कांग्रेस सरकार के दौरान परियोजनाएं स्वीकृत हुई थी, उन्हें भी पूरा नहीं किया गया जिसका नुक्सान इस क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ा। मंजूर हुई रेल कोच फैक्टरी कहां चली गई, क्यों नहीं सरकार जवाब देती, अगर रेल कोच फैक्टरी लगती तो इसका फायदा पूरे प्रदेश को मिलता। सरकार के घोटाले, भ्रष्टाचार, किसान व गरीब विरोधी नीतियां, बिजली-पानी की कमी जैसे इतने मुद्दे हैं और पता नहीं अब भाजपा नेता वहां किस मुंह से जाकर विकास की बात करते हैं। 

शराब तथा रजिस्ट्री घोटाले की जांच लीपापोती के सिवाय और कुछ नहीं 

सवाल : शराब व रजिस्ट्री घोटाले को लेकर लगातार आरोपों प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है, उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री शराब घोटाले को लेकर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं, रजिस्ट्री घोटाले का दायरा बढ़ाते हुए 3 वर्ष की जांच करने के निर्देश जारी कर दिए गए है, क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब : कितने शर्म की बात है कि जब पूरा देश कोरोना के विरुद्ध लड़ रहा था तो प्रदेश में सत्ताधारी दल घोटालों की योजनाएं बनाने में लगा हुआ था। शराब घोटाला तथा रजिस्ट्री घोटाले की जांच सिवाय लीपापोती के और कुछ नहीं है। अगर सरकार की नीयत साफ है तो हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज के घोटालों की जांच करवाए, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री के विरोधाभासी बयान घोटाले पर लीपापोती के प्रयास है। प्रदेश में किसी से भी जाकर पूछ लीजिए, वही बता देगा कि घोटालों का सूत्रधार कौन हंै और किसकी जेब में पैसा गया। 

सवाल : बेरोजगारी को लेकर आप सरकार पर लगातार निशाना साध रहे है, जबकि सरकार का कहना है रोजगार के बढ़ावे के लिए लगाातर प्रयास जारी हैं, क्या वास्तव में बेरोजगारी 
बढ़ी है?

जवाब : यह कोई छिपा तथ्य नहीं है, सरकारी रिपोर्ट बता रही है कि हरियाणा में बेरोजगारी का ग्राफ किस कदर बढ़ा है। इतना ही नहीं सरकार लगातार लोगों से रोजगार छीनने में लगी हुई है। पी.टी.आई. को नौकरी से बाहर करना और कितने की महकमों से कर्मचारियों को लगातार बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। कर्मचारी किसी भी दल विशेष के नहीं होते इसलिए सरकार को सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए।  

Manisha rana