निजी स्कूलों की बढ़ी फीसों पर सरकार सख्त

6/5/2017 10:49:43 AM

चंडीगढ़ (पांडेय):हरियाणा के निजी स्कूलों में हर साल फीसों के नाम पर अभिभावकों से मनमानी करने वाले संचालकों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग फीसों के पुराने रूल में बदलाव करने की कवायद में जुटा है। फौरी तौर से तैयार किए गए नए प्रारूप में हर साल फार्म 6 जमा करने वाले स्कूल संचालकों से फीसों का पूरा ब्यौरा मांगा जाएगा। इसमें हर साल संचालकों को ट्यूशन फीस, विकास शुल्क सहित अन्य मदों में खर्च होने वाले पैसों का हिसाब देना होगा। यही नहीं हर साल टीचर्स के वेतन और मैंटीनैंस पर होने वाले खर्च की डिटेल भी विभाग को देनी पड़ेगी। 

फीस बढ़ाने से पहले स्कूल संचालकों को बताना होगा कि बढ़ी हुई फीस से आए पैसे कहां खर्च हो रहे हैं? सूत्रों की मानें तो कुछ स्कूलों में बिल्डिंग फंड के नाम पर लाखों रुपए एकत्र होते हैं, जिन्हें उसी संस्था की दूसरी बिल्डिंग बनाने पर खर्च किया जाता है। इस मामले में विभाग बेहद सख्त है। विभाग का नया रूल अगले कुछ दिनों में पूरी तरह से प्रभावी हो जाएगा। मौजूदा शिक्षा सत्र में प्रदेशभर से कई निजी स्कूलों की मनमानी तौर से फीस बढ़ाने की शिकायतें शिक्षा विभाग के पास पहुंची हैं। पिछले सप्ताह भिवानी और फरीदाबाद के नामचीन स्कूलों की फीस मामले की सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के ए.सी.एस. पी.के. दास को कई तरह से खामियां मिली। कई स्कूलों ने बिना फार्म 6 जमा किए ही फीस बढ़ा दी और कई स्कूलों ने फार्म 6 में दिए गए ब्यौरों से हटकर फीस बढ़ा दी। 

पी.के. दास की मानें तो निजी स्कूलों में यह भ्रम है कि उनकी मान्यता सी.बी.एस.ई. बोर्ड से है, जिसमें हरियाणा शिक्षा विभाग कार्रवाई नहीं कर सकता, लेकिन रूल 158 में विभाग को कई तरह के अधिकार प्राप्त हैं जिनकी पालना को लेकर विभाग नए रूल बनाने की तैयारी में है। निजी स्कूलों में मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने की कई शिकायतें विभाग के पास आई हैं। इन्हीं को देखते हुए अब रूल में बदलाव करना जरूरी हो गया है। जल्द ही पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद रूल तैयार करने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।