सत्ता पक्ष व विपक्ष की ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब देगी सरकार: कंवरपाल गुर्जर

punjabkesari.in Wednesday, Aug 11, 2021 - 08:16 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा विधानसभा पूर्व स्पीकर एवं मौजूदा पर्यटन- शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि 20 तारीख को मानसून सत्र का आगाज हो चुका है। जिसे लेकर विधानसभा स्पीकर पूरी तरह से अपनी देखरेख में तैयारियां करवा रहे हैं। हर साल इस प्रकार की तैयारियां की जाती हैं। लेकिन कोविड प्रोटोकॉल की पालना के चलते इस बार पिछले साल जैसा ही माहौल देखने को मिलेगा। जो भी सवाल सत्ता पक्ष या विपक्ष की ओर से सरकार से पूछे जाएंगे, सरकार उनका जवाब देगी। सवाल आने शुरू भी हो चुके हैं और संबंधित विभाग के पास यह भेजे भी जा चुके हैं। सत्र की शुरुआत तक यह जवाब हमारे पास आ जाएंगे और सभी के जवाब दिए जाएंगे।

गुर्जर ने कहा कि आज प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से कंट्रोल में है। कोई भी नया केस नहीं आ रहा। लेकिन उसके बावजूद विशेषज्ञों की भी यही सलाह है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी आह्वान किया गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इसलिए हम हर कदम कोरोना के नियमों की पालना के साथ आगे बढ़ाएंगे। इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि आज प्रदेश के 14 हजार के करीब स्कूल खोल दिए जा चुके हैं और सभी जगह से सकारात्मक रिपोर्ट मिल रही है। बहुत अच्छी तरह से शिक्षा दी जा रही है। हमारे अध्यापक और अधिकारी पूरी तरह से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कदम बढ़ा रहे हैं। लेकिन दो स्कूलों से 6 बच्चे पॉजिटिव पाए जाने की खबर मिली है। उस स्कूल को बंद कर दिया गया है। इस मामले पर हम और हमारे अधिकारी पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं और कहीं भी लापरवाही नहीं बरत रहे।

शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने  बातचीत के दौरान कहा कि तीनों कानूनों के बारे में विपक्ष कुछ किसानों को बहका रहा है। किसानों को पता होना चाहिए कि आखिर यह क्या है ? बनाए गए यह तीनों कानून किसानों के हक में हैं। क्योंकि सदा से किसानों की मांग यही रही है कि किसानों को फसल बेचने की आजादी होनी चाहिए। किसान बंधन मुक्त होना चाहिए। सरकार ने वही काम किया है। कुछ लोग आज विरोध में आंदोलन करने में लगे हैं। इन कानूनों को बनाने में 19 साल लगे। सभी पार्टियों के चुने हुए प्रतिनिधियों ने मिलकर किसानों के हितों में यह कानून बनाए हैं।

सबसे पहला विरोध डायरेक्ट पेमेंट का किया गया था। विरोध करने वाले कहते थे कि किसानों को सीधी पेमेंट न देकर आढ़ती के माध्यम से दी जाए। लेकिन सरकार किसानों को सीधे पेमेंट देने के पक्ष में थी और दी भी। मेरा मानना है कि किसानों से सर्वे करवाकर देख लो अधिकतर सभी किसान इसके पक्ष में बात करेंगे। मेरा मानना है कि इन तीनों कानूनों के लागू हो जाने के बाद किसान खुशी महसूस करेगा। यह आंदोलनकारी लोग झूठ बोलकर किसानों को बहकाने की कोशिश में लगे हुए हैं। न तो मंडी खत्म होंगी और न ही एमएसपी। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की भी ऑप्शन किसान के हाथ में ही है।

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Content Writer

Manisha rana

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