जो प्रवासी हरियाणा में लौटना चाहें उनका खर्च सरकार उठाएगी: राजेश खुल्लर

6/13/2020 11:14:09 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने बताया कि जो प्रवासी हरियाणा में लौटना चाहें उनका खर्च हरियाणा सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि हम प्रवासी श्रमिकों का खुले दिल से स्वागत करेंगे। जो कहीं से भी किसी राज्य से आना चाहतें है, अगर वह अपनी रिक्वेस्ट भेजेंगे तो हम बसों और ट्रेन की व्यवस्था उनके लिए करेंगे।

उन्होंने कहा कि एचएसआईडीसी में जिसका भी 15 मार्च को या उसके बाद 30 जून तक जिस पर जितनी भी रकम बकाया थी। उस पर हर तरह का ब्याज माफ किया गया है, जबकि उन्हें केवल मूल रकम ही देनी होगी। इस दौरान जितने भी नोटिस भेजे गए थे वे सभी वापस ले लिए गए थे। अगर कोई 15 मार्च से 30 जून तक रकम नहीं दे पाया तो इस पीरियड को फ्रोजेन पीरियड माना जा रहा है, उतनी उसकी समय सीमा बड़ा दी गई है।  

पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में खुल्लर ने कहा कि कोरोना की तैयारियों को लेकर सीएम ने आईएएस अधिकारियों को आदेश दे सभी जिलों में भेजा था, वह अस्पतालों और कंटेनमेंट जोन का जायजा ले रहे हैं। हालात पर नजर रख रहे हैं। सोमवार तक अफसर सीएम को रिपोर्ट-सौंपेंगे। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। मास्क लगाना और सोशल डिस्सटेंस अपनाना जरूरी है। उसकी पालना करें। 

मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को कहा था कि जब यह अधिकारी पूरी स्थिति का जायजा लेकर जब वापिस आएं तो 24 घंटे के अंदर  उन्हें इसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्हें दें। इसके अलावा पिछले चार दिन से कोरोना के मामलों को लेकर जो ट्रेंड चल रहा है, जिसमें कोरोना के नए आने वाले मामलों से लेकर कितने रिकवर हुए, कितनों का देहांत हुआ। अधिकारियों को इस को स्टडी करके ये बताने के लिए भी कहा गया है कि अगर यही ट्रेंड चलते रहे तो हमारी व्यवस्थाएं कितनी पुख्ता हैं। क्योंकि हमारा यह मानना है कि अगर ये ट्रेंड चलता भी है तो कम से कम जुलाई के महीने तक कि व्यवस्थाएं हमारी पुख्ता है। 

भगवान करे कि ये आंकड़े तब तक नीचे गिरने शुरू हो जाए। अगर नहीं होते तो उसके लिए क्या और तैयारी करनी है। उम्मीद है कि आईएएस अधिकारियों की टीम द्वारा कोरोना स्टडी की ये सारी रिपोर्ट्स सोमवार शाम तक मुख्यमंत्री के समक्ष आ जाएंगी। जिसके बाद जहां-जहां पर व्यवस्थाएं और सुदृढ़ करने की जरूरत होगी उन्हें पूरा किया जाएगा। पंजाब केसरी प्रतिनिधि चंद्र शेखर धरणी से हुई बातचीत में खुल्लर ने कहा कि ज्यादातर उद्योग चलने लगे हैं।

राहत पैकेज के तहत भी मदद की जा रही है। युवाओं को घबराने की जरूरत नहीं। 4 से 5 महीने बाद नई भर्ती निकल सकती है’। पुरानी भर्ती पर कोई रोक नहीं है। धीरे-धीरे रिजल्ट भी जारी किए जा रहे हैं। जैसे ही वित्तीय हालात ठीक होंगे, भर्ती निकालेंगे।

प्रस्तुत है राजेश खुल्लर से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के प्रमुख अंश--

प्रश्न- 
राजेश खुल्लर जी, जिस प्रकार एनसीआर एरिया के फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत में लगातार कोविड 19 के मामले बढ़ रहे है। सरकार की और से वहां क्या रणनीति अपनाई जा रही है?
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री ने इन चारों जिलों में कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को भेजा था और उन्हें कहा था कि वे दो रात और तीन दिन वहीं रुके और वालंटियर पोर्टल पर जितने भी लोग पंजीकृत है, उन सब से बात करें। वहां जितने भी कोविड केअर सेंटर्स है या जितने भी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल हैं, उनमे जितने भी आइसोलेशन वार्ड है, जितने भी बेड कोविड के लिए रिजर्व किए गए है, जितने भी वेंटीलेटरस है। इन सारी व्यवस्थाओं का खुद जमीनी स्तर पर जकर जायजा लेकर आएं। 

इसके आलावा इन जिलों में जितनी कंटेनमेंट जोन है, उन्हें देखें और उनके अंदर जो सरकार ने दिशा निर्देश दिए है। उनकी अनुपालना किस हद्द तक हो रही है उसको भी देखें। मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को कहा था कि यह अधिकारी पूरी स्थिति का जायजा लेकर जब वापस आएं तो 24 घंटे के अंदर उन्हें इसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्हें दें। इसके अलावा पिछले चार दिन से कोरोना के मामलों को लेकर जो  ट्रेंड चल रहा है, जिसमे कोरोना के नए आने वाले मामलों से लेकर कितने रिकवर हुए, कितनों का देहांत हुआ।

 अधिकारियों को इस को स्टडी करके ये बताने के लिए भी कहा गया है कि अगर यही ट्रेंड चलते रहे तो हमारी व्यवस्थाएं कितनी पुख्ता हैं। क्योंकि हमारा यह मानना है कि अगर ये ट्रेंड चलता भी है तो कम से कम जुलाई के महीने तक कि व्यवस्थाएं हमारी पुख्ता है। भगवान करे कि ये आंकड़े तब तक नीचे गिरने शुरू हो जाए। अगर नहीं होते तो उसके लिए क्या और तैयारी करनी है। उम्मीद है कि आईएएस अधिकारियों की टीम द्वारा कोरोना स्टडी की ये सारी रिपोर्ट्स सोमवार शाम तक मुख्यमंत्री के समक्ष आ जाएंगी। जिसके बाद जहां-जहां पर व्यवस्थाएं और सदृढ़ करने की जरूरत होगी उन्हें पूरा किया जाएगा। 

प्रश्न- एनसीआर के इन जिलों में बढ़ते मामलों की संख्या को देखते हुए लोगों का आत्मबल भी कमजोर हो रहा है। उनके लिए आप क्या कहेंगे ?
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि जब अधिकारी इन सब जगह पर जाकर वालंटियर्स से बात करते है और व्यवस्थाओं का जायजा लेते है तो आत्मबल इससे भी बढ़ता है। वैसे मोटे रूप से जो दुनियाभर का तुजुर्बा उससे चले तो डरने की जरूरत नहीं है। जो जरूरत है कि दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और बार-बार हाथ धोने की है। 

इतना भर कर लेने से ये सुनिश्चित किया जा सकता है कि कोरोना का फैलाव न हो और हर व्यक्ति बचा रह सके। अगर ये सब करने के बाद भी कोरोना हो जाता है तो सरकारी व्यवस्थाएं काफी पुख्ता हैं। अस्ततालो में पर्याप्त मात्रा में बेड, आइसोलेशन सुविधा, पर्याप्त मात्रा में आईसीयू, ऑक्सीजन सिलिंडर और वेंटिलेटर है। अच्छी बात यह है कि हरियाणा में जो मोर्टेलिटी रेट है वो अभी भी 2 प्रतिशत से कम है। इसलिए साधनों की कमी नहीं है, लेकिन लोग पूरी तरह से नियमों का पालन करें।

प्रश्न- जानकारी के अनुसार फरीदाबाद और गुरुग्राम में कुछ प्राइवेट अस्पताल ने कोविड 19 के मरीजों को लेकर सहयोग करने से मना कर दिया था। जिन्हें फिर नोटिस भी जारी करने पड़े?
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि नहीं, ऐसी बात नहीं है। जैसे मैंने कहा कि ये जो रिपोर्ट आ रही है इसमें हमारे अधिकारी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल दोनों में दी जाने वाली सभी सुविधायों का आंकलन करके आएंगे। प्राइवेट अस्पताल में भी वार्ड और बेड काफी रिजर्व्ड है। 

गुरुग्राम में ही 750 बेड प्राइवेट अस्पताल में कोविड के मरीजों के लिए रिजर्व्ड है। आयुष्मान भारत के साथ जितने इम्पेनल्ड अस्पताल हैं, उनके लिए रिजर्व्ड हैं। जो लोग नहीं भी रिजर्व्ड है उनके लिए तीन तरह के रेट्स बनाए गए है कि वे अगर आयुष्मान भारत के रेट  के ऊपर  हरियाणा सरकार ने ये कह रखा है कि कोई भी हरियाणा के व्यक्ति को अगर अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है तो उसका जितना खर्च है वह हरियाणा सरकार देगी। वह सरकारी अस्पताल में तो पहले ही फ्री है जबकि प्राइवेट अस्पताल में जाता है तो उन्हें आयुषमान भारत के रेट पर देते है।

प्रश्न- हरियाणा में कोविड टेस्ट की बात करें तो क्या स्थिति है। इससे पहले कुछ प्राइवेट लैब्स में मरीजों की और से गलत फोन नंबर दिए जाने को लेकर उन्हें ट्रेस करने की भी दिक्कत सामने आयी थी। उसके लिए अब क्या रणनीति अपनायी जा रही है ?
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि टेस्टिंग सरकारी लैबोरेट्रीज में बिल्कुल फ्री है। जबकि सरकार ने अब ऐसे आदेश जारी किए है कि कोविड टेस्ट करवाने वाले व्यक्ति की और से दिए जाने वाले फोन नम्बर पर ओटीपी नम्बर भेज कर वेरिफाई किया जाए। ताकि गलत नम्बर लिखवाने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे ढूंढने में कोई दिक्कत न हो।

प्रश्न- जिस प्रकार से लॉकडाउन के चलते आर्थिक व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा। ऐसे में इंडस्ट्री को उभारने के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से क्या योजना है?
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि पहली बात तो यह कि अब किसी भी इंडस्ट्री पर कोई पाबंधी नही है।कोई भी अपनी इंडस्ट्री जब चाहे शुरू कर सकता है। हमारे पोर्टल पर केवल रजिस्टर्ड करके 5मिनट में परमिशन डाउन लोड करके कोई भी इंडस्ट्री शुरू कर सकता है। इस समय लगभग 70 प्रतिशत के करीब इंडस्ट्री शुरू हो चुकी है। 

ये ठीक है कि बड़ी इंडस्ट्री में अभी भी शत प्रतिशत कर्मचारी नहीं आ रहे है। मारुति में इस समय 4 हजार कार रोजाना बन रही है ओर वे इसको और भी बड़ा सकते हैं। हमारा अपना मानना यह है कि जो हमारे पास जीएसटी की कलेक्शन के फिगर आ रहे हैं इस जुलाई के माह में पिछली जुलाई के मुकाबले इंडस्ट्रियल आउट फीट में  70-75 प्रतिशत तक आ जायेगी। इसलिए अर्थव्यवस्था की स्थिति अब नॉर्मलाईसेशन  की और चल रही है।जिस प्रकार से अप्रैल और मई में सरकार को लोन लेकर मुलाजिमों को वेतन और पेंशन देने पड़ रहे थे, वो स्थिति अब नहीं है।

प्रश्न- हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम एचएसआईडीसी से हरियाणा में जिन लोगों ने प्लाट ले रखे है। एचएसआईआईडीसी  की और से उनका आर.एल.ए जारी कर प्लाट धारकों से व्याज सहित रिकवरी के नोटिस भेजे जा रहे थे। इसे लेकर प्लाट धारकों ने हरियाणा सरकार से गुहार भी लगाई थी। इस दौरान की जो बकाया रकम इन धारकों पर बनती है उस पर पर प्रदेश सरकार की क्या निति रहेगी ? 

उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि एचएसआईडीसी में जिसका भी 15 मार्च को यां उसके बाद 30 जून तक जिस पर जितनी भी रकम बकाया थी। उस पर हर तरह का व्याज माफ़ किया गया है जबकि उन्हें केवल मूल रकम ही देनी होगी। इस दौरान जितने भी नोटिस भेजे गए थे वे सभी वापिस ले लिए गए थे। अगर कोई 15 मार्च से 30 जून तक रकम नहीं दे पाया तो इस पीरियड को फ्रोजेन पीरियड माना जा रहा है उतनी उसकी समय सीमा बड़ा दी गयी है।  

प्रश्न- लॉकडाउन के बाद अब युवा वर्ग इस कशमकश में है कि नौकरियों को लेकर दिक्कत रहेगी और नौकरियां नहीं निकलेंगी। उनके लिए सरकार की क्या रणनीति रहेगी?
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि युवा वर्ग को तो चिंतामुक्त होना चाहिए। क्योंकि हरियाणा सरकार युवा वर्ग की हमेशा चिंता करती है।अभी हरियाणा में 65हजार नए होम गार्ड्स की आवश्यकता है। जो पड़े लिखे लोग है ,जिन्हें नौकरी नहीं मिलती और जिन्हें सरकार 9हजार रुपये प्रति माह और 100 घण्टे काम की गारण्टी देती है। उनके लिए हमारा सक्षम पोर्टल चलता है। ऐसी योजना देश मे कहीं नहीं है। पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट इनको तो पिछले 3-4 साल से काम मिलता था। 

अक्टूबर में महीने में 10वीं और बाहरवीं पास लोगों को बजी इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया गया। जिसमें सवा लाख के करीब लोग रजिस्टर्ड हैं। इन सबको मेसेज भेजा जा रहा है कि अगर इन्हें होम गार्ड वालंटियर का काम करना है तो वे इसपर जवाब दे। उन्हें काम पर भेजा जाएगा। इसके जिन्होंने शिक्षा लोन ले रखे थे उन सबके लिए तीन माह का इंटरेस्ट सरकार ने अपनी जेब से देने का फैसला लिया है।

सरकारी नौकरियां निकलने पर पहले से जो प्रक्रिया जारी है उनपर सरकार ने साफ किया है कि उस प्रक्रिया को नही रोकेंगे। जबकि आगे के लिए जब तक हमें अपनी वितीय व्यवस्था का नही पता लग पाता ,शायद सरकारी नौकरी उतनी गति से नही मिल पाएगी। लेकिन सरकार का प्रयास यह है कि जितना भी 20लाख करोड़ का पैकेज अनाउंस हुआ है जो समाज के हर वर्ग के लिए है। 

आज हरियाणा सरकार ने स्ट्रीट वेंडिंग का काम करने वाले लोगों के लिए 7प्रतिशत व्याज सरकार की और से दिए जाने और 10हजार रुपये का लोन देने की स्कीम नोटिफाई कर दी है। हरियाणा सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी थी कि 2 प्रतिशत से अधिक किसी को इंटरेस्ट रेट नही देना पड़ेगा। हमें लगता है कि इससे साढ़े तीन लाख लोग इसके लाभान्वित होंगे। इस प्रकार से देश को आत्मनिर्भर बनाने की और से हम चलेंगे तो आने वाले 6-7माह में वापिस पहुंच सकते है।

प्रश्न- बिहार व अन्य प्रांतों के प्रवासी श्रमिक अगर वापिस आना चाहें तो हरियाणा सरकार की क्या नीति है।
उत्तर- राजेश खुल्लर ने कहा कि हम प्रवासी श्रमिकों का खुले दिल से स्वागत करेंगे। जो कहीं से भी किसी राज्य से आना चाहतें है अगर वह अपनी रिक्वेस्ट भेजेंगे तो हम बसों, ट्रेन्स की व्यवस्था उनके लिए करेंगे।
 

Edited By

vinod kumar