अधिकारी का तबादला करके सरकार अपने गुनाहों को छुपा नहीं सकती: दीपेंद्र हुड्डा

9/3/2021 5:40:22 PM

करनाल: सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के बाद शहीद हुए किसान स्व. सुशील काजल के रायपुर जटान स्थित निवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल द्वारा हरियाणा के शहीद किसानों के परिवार को दी जाने वाली 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपी। उन्होंने कहा कि किसान परिवार अकेला नहीं है हम सभी परिवार के साथ हैं। इसके बाद उन्होंने बातचीत में कहा कि किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले अधिकारी का तबादला करके सरकार अपने गुनाहों को छुपा नहीं सकती।

करनाल मे शांतिपूर्ण धरने पर लाठीचार्ज व उसके बाद हुई भाई सुशील काजल की दु:खद मृत्यु के बाद अब यह मात्र 3 कृषि कानून वापिस लेने की लड़ाई ही नहीं, बल्कि किसान के स्वाभिमान बनाम सत्ता के अभिमान की भी लड़ाई बन चुकी है। हम इस लड़ाई तो अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो अधिकारी सरकार की नजरों में नंबर बनाने के लिये जनता पर अत्याचार कर रहे हैं, उनको याद रखना चाहिए कि प्रजातंत्र में सरकारें बदलती रहती हैं।  




कानूनों पर किसानों को क्यों आपत्ति हुआ स्पष्ट
नये कृषि कानूनों पर किसानों को क्यों आपत्ति है ये करनाल की घटना से स्पष्ट हो गया है। उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों में किसानों की आपत्तियों या विवाद के निपटारे के लिये एसडीएम को अधिकृत किया गया है। ऐसे में बेक़सूर किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाला एसडीएम  विवाद की स्थिति में किसानों के साथ न्याय कैसे करेगा?  

सरकार किसानों की आंखों में धूल झोंकने का कर रही
काम सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान विरोध में अंधी हो चुकी बीजेपी-जेजपी सरकार ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। यह कटु सत्य है कि बीजेपी जेजेपी सरकार, उसके नेता व अधिकारी किसानों को उकसाने की हरकतें कर रहे हैं और ये बात जगजाहिर है। उन्होंने करनाल में किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय तबादला किये जाने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसा करके सरकार किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है। इससे ये प्रमाणित होता है कि किसानों पर लाठीचार्ज सरकार के इशारे पर हुआ है और खुद मुख्यमंत्री ने SDM का बचाव करके साबित कर दिया है कि सरकार इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर रुटीन प्रशासनिक काम-काज का हिस्सा होता है, आरोपी अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होना स्पष्ट प्रमाण है कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार खुद ही चाहती है कि किसानों को उकसाया जाए।
 

Content Writer

Isha