धीरे-धीरे यमुना के पानी में समा रही खेतों की जमीन

7/1/2019 12:08:00 PM

समालखा (राकेश) : यमुना की तलहटी में बसे गांव राक्सेड़ा में पहाड़ों पर हुई बारिश के चलते ठंडा व साफ पानी यमुना में पहुंच गया है। करीब 15 फुट की गहराई पर पानी बह रहा है। यमुना में पानी आने पर कटाव का कहर जारी है। कटाव के चलते खेतों की जमीन आहिस्ता-आहिस्ता कट कर यमुना के पानी में समा रही है। इस बार यमुना की धार हरियाणा की तरफ होने से ये पहला मौका है कि जब पुरानी ठोकर के नजदीक ही यमुना में पानी बह रहा है। आने वाले समय में यमुना उफान पर होने से गांव सिम्भलगढ़ में पानी घुस जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

उधर नहरी विभाग ने भी हाथ खड़े करते हुए साफ मना कर दिया कि इस बार ठोकरों के लिए बजट पास नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में ताजेवाला हैड से यमुना में साढ़े 10 लाख क्यूसिक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था। गांव राक्सेड़ा में यमुना उफान पर होने के कारण सैंकड़ों फसल बर्बाद होने व आसपास में खड़ी धान की फसल को भी भारी नुक्सान हुआ था। वर्ष 2018 में करीब 5-6 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था।

पिछले काफी दिनों से यमुना में गंदा पानी आने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि वर्ष 2017 में जून माह में यमुना उफान पर रही। यमुना के पास लगते आसपास के ग्रामीणों व किसानों के मुताबिक 2 दिन पहले पहाड़ों पर हुई बारिश से यमुना में ठंडा व साफ स्वच्छ पानी पहुंचा है। करीब 15 फुट की गहराई पर यमुना में पानी बह रहा है। उन्होंने बताया कि यमुना पार यू.पी. की तरफ रेत खनन के चलते करीब 10-12 साल बाद यमुना में पानी की धार का रूख हरियाणा की तरफ हो गया है।

पानी की धार हरियाणा की तरफ होने से भूमि कटाव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। कटाव के कहर के चलते खेतों की जमीन आहिस्ता-आहिस्ता कट कर यमुना के पानी में समा रही है। जिसको लेकर किसानों को ङ्क्षचता सता जा रही है। पहली बार हालात ऐसे हो गए हैं कि पुरानी ठोकर के नजदीक ही यमुना में पानी का बहाव है। जिसके आसपास किसान धान की बिजाई भी नहीं कर पा रहे हैं। आने वाले समय में यमुना उफान पर होने पर गांव सिंभलगढ़ में पानी घुस सकता है। जिसको लेकर किसानों में रोष पनप रहा है।

Edited By

Naveen Dalal