हरियाणा के कई जिलों में भूजल स्तर और गिरा, किसानो को हो सकती है परेशानी

5/31/2019 12:49:25 PM

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता)- हरियाणा के कई ऐसे इलाके हैं जहां सिंचाई के लिए और पेयजल के लिए लोग नेहरी और भूमिगत जल पर निर्भर हैं। इन इलाकों में लगातार सर्वे करने और कृषि विभाग द्वारा जांच किए जाने पर यह खुलासा हुआ है कि कई इलाकों में पानी का स्तर बहुत नीचे जा चुका है ।पानी का स्तर लगातार वर्ष दर वर्ष नीचे जाने के चलते प्रदेश सरकार ने इन जिलों को डार्क जोन में शामिल किया है।

यमुनानगर के रादौर और जगाधरी ब्लॉक में स्थिति इस समय गंभीर बनी है। 2014 के जून में जहां जगाधरी ब्लाक में 16.21 मीटर गहराई पर पानी था वहीं  2015 में यह स्तर 16.50 ,2016 में यह और ज्यादा गिरकर 17.15 और फिर 2017 में यह 17. 41 पर पहुंच गया वहीं 2018 की बात करें तो यह 16.75 मीटर मापा गया। इसके साथ-साथ रादौर ब्लॉक में स्थितियां काफी गंभीर नजर आई जहां 2014 में 16.1 मीटर गहराई तक जल उपलब्ध था जो वर्ष 2017 में 17. 11 मीटर और 2018 में 17.18 मीटर पर नजर आया  ।इसके अलावा यमुनानगर के ही मुस्तफाबाद में भी स्थितियां अगले कुछ वर्षों में और ज्यादा खराब होने वाली हैं। जहां 2014 में पानी का स्तर 13.29 था और 2018 में 13 .88 मीटर गहराई तक जा पहुंचा है। यमुनानगर के बिलासपुर ब्लाक में जहां वर्ष 2014 में 8.61 मीटर पानी गहराई पर उपलब्ध था जो 2018 में और ज्यादा गहरा होकर 10.37 मीटर गहरा हो चुका है। इसके साथ-साथ खिजराबाद के इलाकों में भी लगभग ऐसी ही स्थितियां हैं ।इस तरह यमुनानगर के लगभग एरिया में पानी का स्तर पिछले 5 वर्षों में काफी ज्यादा नीचे जा चुका है। 

वहीं डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग डॉ सुरेंद्र यादव का कहना है कि हर इलाके में पानी के रिचार्ज का सिस्टम है जहां पानी भूमिगत स्त्रोत से लिया जाता है। वही वर्षा के आने पर और यमुना व नदियों में पानी आने पर उस इलाके में रिचार्ज हो जाता है ।लेकिन इन इलाकों में पानी का रिचार्ज बहुत कम हो रहा है जिसके चलते पानी का स्तर लगातार नीचे जा रहा है जो कि किसानों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं जिसके तहत इन इलाकों में धान की फसलों को लगाने की बजाए कम पानी की खपत वाली फसलों को लगाया जाना चाहिए। जिसके लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को प्रोत्साहन देने का भी फैसला लिया है ।उन्होंने कहा कि अगर अभी इन इलाकों के किसानों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में पानी को लेकर काफी परेशानियां उठानी पड़ेगी।

 

Isha