यमुना व घग्गर नदी के कैचमैंट एरिया में भू-जल हो रहा जहरीला, पेयजल तय मानकों पर नहीं उतरा खरा

punjabkesari.in Monday, Mar 09, 2020 - 10:31 AM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा में बहने वाली यमुना और घग्गर नदियों के कैचमैंट एरिया का पानी अब जहरीला होता जा रहा है। यह खुलासा दोनों नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के निर्देशों पर गठित नदी कायाकल्प समिति की मीटिंग में पेश ग्राऊंड वाटर क्वालिटी की रिपोर्ट में हुआ है। हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एच.एस.पी.सी.बी.) की ओर से तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों नदियों के कैचमैंट एरिया के ग्राऊंड वाटर क्वालिटी की जानकारी हासिल करने के लिए कुल 141 जगह के सैंपल लिए थे।

75 सैंपल घग्गर और 66 यमुना नदी के तहत आने वाले एरिया से लिए थे। घग्गर नदी के कैचमैंट एरिया में 47 जगह पानी तय मानकों पर खरा नहीं उतरा। जबकि यमुना नदी के कैचमैंट एरिया में 16 जगह पानी को पीने योग्य नहीं पाया गया। यही वजह है कि कमेटी ने फैसला लिया है कि टास्क फोर्स को तुरंत सभी 47 लोकेशंस पर ‘पानी पीने योग्य नहीं है’ के डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए कहा जाएगा। साथ ही प्रदूषित पानी की सप्लाई भी तुरंत प्रभाव से बंद की जाएगी जिससे लोगों को जहरीले होते जा रहे पानी को पीने से रोका जा सके। 

सिरसा और फतेहाबाद की स्थिति सबसे खराब
रिपोर्ट में सबसे अधिक जगह सिरसा और फतेहाबाद के भू-जल की गुणवत्ता खराब पाई गई। सिरसा में 23 और फतेहाबाद में 17 जगह भू-जल तय मानकों पर खरा नहीं उतरा। यही वजह है कि कमेटी ने सभी इंडस्ट्रीज को निर्देश भेजे हैं कि भू-जल की निकासी के लिए पहले सैंट्रल ग्राऊंड वाटर अथॉरिटी से परमिशन हासिल करें ताकि नदियों के पानी की गुणवत्ता को सुधारा जा सके। 


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Isha

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