GST पर भारी आज की रात, सवालों में उलझ रहे लोग

6/30/2017 3:20:49 PM

हिसार(सर्वेश कुकरा):सरकार शुक्रवार की आधी रात को घंटा बजाकर जी.एस.टी. लागू करने जा रही है। इसी बीच जहां व्यापारियों का चैन गुल हो चुका है वहीं जी.एस.टी. लागू करवाने की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों में भी टैंशन फुल है। पिछले काफी दिनों से सेल टैक्स विभाग अन्य विभागों से तालमेल बैठाने का प्रयास कर रहा है तथा जी.एस.टी. को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है। सरकार नए जोश और उत्साह में है तो व्यापारियों में जी.एस.टी. को लेकर खौफ ज्यादा महसूस किया जा रहा है। जिन व्यापारियों ने पूर्व में सेल टैक्स नंबर लिए हुए थे उनमें से अधिकांश ने खुद को जी.एस.टी. में रजिस्टर करवा लिया है। जिले में जी.एस.टी. के लिए पंजीकरण करवाने वाले व्यापारियों की संख्या अब तक 9 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। बावजूद इसके तमाम लोगों के बीच असमंजस की स्थिति कायम है। व्यापारी लगातार जी.एस.टी. का विरोध करते आ रहे हैं। हिसार की क्लॉथ मार्कीट एसोसिएशन तो पिछले दिनों से हड़ताल पर है। हड़ताल भी ऐसी भी किसी भी दुकान का शटर तक नहीं उठा। सर्व व्यापार मंडल इस हड़ताल को समर्थन दे चुका है। जी.एस.टी. का हव्वा व्यापारियों के सिर चढ़कर बोल रहा है।

उन्होंने सरकार के समक्ष ये मांगें रखी हैं
1. रिटर्न का वक्त बढ़ाया जाए।
2. रिवाइज रिटर्न की प्रक्रिया लागू करें।
3. जरूरी सामान पर टैक्स कम करें।
4. इंस्पैक्टरी राज को बढ़ावा न दें।

पी.एम. के साथ बैठक के बाद तय होगी रणनीति
जानकारी के मुताबिक 30 जून को गुजरात में देश के नामचीन व्यापारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक संभावित है। समझा जाता है कि इस बैठक में कुछ आश्वासन अथवा बदलाव के संकेत दिए जा सकते हैं। तमाम व्यापारिक संगठनों की नजर भी इस बैठक पर टिकी हुई है। इसी बैठक के बाद व्यापारिक संगठन अगली रणनीति का खुलासा कर सकते हैं।

कमजोर विपक्ष की वजह से अलग-थलग पड़े व्यापारी
जी.एस.टी. लागू होने के शुरूआती दिनों में दिक्कतें पेश आनी लाजिमी है लेकिन इसके 2 महीने बाद मामला रूटीन पकड़ सकता है। चूंकि केंद्र की एन.डी.ए. सरकार जी.एस.टी. बिल को राज्यसभा में पारित करवा चुकी है लिहाजा कांग्रेस समेत कई बड़े दल खुलकर इसके विरोध में नहीं आ रहे हैं। कमजोर विपक्ष के चलते व्यापारियों के गुस्से तथा उनके आक्रोश का राजनीतिक संरक्षण नहीं मिल पा रहा है।

बाल चमकाना होगा महंगा
सरकार ने अपनी पॉलिसी में शैम्पू, डाई, सन स्क्रीन, शेविंग क्रीम, चॉकलेट व काफी चीजों पर 28 फीसदी जी.एस.टी. तय किया है। कुल मिलाकर बालों को काला और शैंपू करना अब आम आदमी के लिए काफी महंगा साबित होगा। हालांकि सरकार ने अधिकांश आइटम को 18 फीसदी टैक्स के दायरे में रखा है। बता दें कि सरकार द्वारा जी.एस.टी. के लिए 1211 आइटम को विभिन्न टैक्स स्लैब के दायरे में लाया गया है।

व्यापारियों के सवाल, विभाग के जवाब
बातचीत के दौरान व्यापारियों ने कई सवाल उठाए। इन सवालों को लेकर पंजाब केसरी ने सेल टैक्स विभाग के अधिकारियों से बातचीत की तथा जवाब हासिल किए गए।

सवाल: माल ग्राहक को बेचकर जी.एस.टी. के साथ बिल काट देंगे लेकिन अगर माल वापस होगा तो जी.एस.टी. का क्या होगा?

जवाब: माल बेचने पर डैबिट नोट कटेगा जबकि माल वापस होने पर क्रेडिट नोट काटा जाएगा जिससे व्यापारी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में बैलेंस बराबर हो जाएगा। जी.एस.टी. जो अदा करना होगा वह हट जाएगा तथा व्यापारी की लायबिलिटी परचेज में से कम हो जाएगी।

सवाल: महीन में 3 बार रिटर्न भरने से मशक्कत करनी होगी।

जवाब: सॉफ्टवेयर की मदद से सब कुछ सरल हो जाएगा। एक क्लिक में रिटर्न भरी जा सकेगी।

सवाल: जानकारी का अभाव है।

जवाब: कोई भी व्यापारी कभी भी विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर सकता है। उसकी विभाग के कर्मचारी हर संभव मदद करेंगे तथा तमाम भ्रांतियों को दूर किया जाएगा।