गुकेश ने 18 साल की उम्र में रच दिया इतिहास, शतरंज की दुनिया के बने सबसे यंगेस्ट चैंपियन

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2024 - 03:29 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): केंद्र और हरियाणा सरकार की बेहतर खेल नीतियों के कारण देश-प्रदेश के युवा दुनिया में भारत की धाक जमा रहे हैं। हर खेल में चैंपियन निकल रहे हैं। भारत के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने शतरंज में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। 

वहीं, अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग भी हरियाणा के हैं और सबसे कम उम्र में एआईसीएफ के अध्यक्ष बने हैं। अध्यक्ष और खिलाड़ी दोनों ही युवा हैं और दोनों उभरते भारत की तस्वीर बयां करते हैं। गुकेश ने मात्र 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता और दुनिया में भारत का परचम लहराया है। सबसे कम उम्र के इस चैंपियन अपने काैशल और बुद्धि का शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया का दिल जीत लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'यंग इंडिया' के नारे को साकार कर दिया। 

पीएम मोदी और सीएम सैनी ने दी बधाई

पीएम मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने डी गुकेश को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। डी गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज प्रतियोगिता में 14 गेम के मैच में चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। पीएम मोदी ने गुकेश को विश्व चैंपियनशिप जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि गुकेश को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है। मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह ऐतिहासिक और अनुकरणीय है। गुकेश की जी युवाओं को प्रेरणा देगी। ‘उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है, बल्कि लाखों युवा दिमागों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। देश के नौजवान युवा भारत का सपना साकार कर रहे हैं।

हरियाणा के हैं एआईसीएफ अध्यक्ष नारंग 

भारत में फेडरेशन (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग हरियाणा में करनाल के रहने वाले हैं। उनकी उम्र करीब 35 वर्ष वे सबसे कम उम्र में फेडरेशन के अध्यक्ष हैं। डी गुकेश मैं भी सबसे कम आयु में विश्व चैंपियन बने हैं। नितिन नारंग करीब 9 माह पहले इस फेडरेशन के अध्यक्ष बने थे। अध्यक्ष बनने के बाद ही नितिन नाम ने फेडरेशन के काम को चुस्त दुरुस्त करने के साथ-साथ विश्व चैंपियन बनने का मन बना लिया था। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेडरेशन ने युवा पीढ़ी को हर तरह से मजबूत करने का काम किया, जिसका परिणाम है कि भारत आज विश्व चैंपियन है।

चेस ग्रैंडमास्टर बने 

18 की उम्र में जब बच्चे स्कूल पास कर रहे होते हैं, जब ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि आगे करना क्या है? उनका पैशन क्या है? उस छोटी उम्र में भारत के डोम्माराजु गुकेश ने इतिहास रच दिया है। वो शतरंज की दुनिया यंगेस्ट चैंपियन बन गए हैं। गुकेश पहले शख्स हैं, जिसने इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीत ली और चेस ग्रैंडमास्टर बन गए। विश्वनाथन आनंद के बाद भारत को ये खिताब दिलाकर शतरंग के खिलाड़ी ने ऐसा कारनामा किया है कि हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

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Content Editor

Deepak Kumar

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