गुडग़ांव की महिलाएं ज्यादा असुरक्षित, पंचकूला में भी हालात ठीक नहीं

1/4/2018 12:08:35 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):हरियाणा में नारी जागृति दस्तक दे चुकी है। हरियाणा महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए आगे आने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। तीन सालों के दौरान राज्य महिला आयोग के पास सैक्सुअल ह्रासमैंट से लेकर गृह क्लेश, ईव टीजिंग, जमीनी विवाद, प्रेम विवाह से लेकर धोखाधड़ी की लगभग 3100 शिकायतें पहुंची हैं। आंकड़ों के अनुसार गुडग़ांव की महिलाओं ने आयोग को सबसे ज्यादा शिकायतें भेजी हैं। आयोग ने 3100 शिकायतों पर सुनवाई तो की लेकिन निपटारा सिर्फ 1313 का ही किया जा सका।

1787 ऐसी शिकायतें हैं जिनका निपटारा तीन सालों के दौरान नहीं किया जा सका। आंकड़ों के अनुसार आयोग के पास एक दिन में 5 से 10 महिलाओं की शिकायतें पहुंच रही हैं। लिखित शिकायत के साथ टैलीफोन से भी महिलाएं खुद पर होने वाले अत्याचारों की दास्तां बता रही हैं। सबसे ज्यादा मामले पारिवारिक उत्पीडऩ,घरेलू हिंसा और रिश्तेदार की ओर से छेड़छाड़ से जुड़े थे। बताया जाता है कि महिलाओं ने रिश्तेदारों या पारिवारिक सदस्यों की ओर से दुराचार व दुष्कर्म संबंधी शिकायतें सबसे ज्यादा दी।

गुडग़ांव सबसे आगे, पंचकूला 5वें नंबर पर
हरियाणा महिला आयोग के आंकड़ों अनुसार गुडग़ांव ऐसे जिले के तौर पर सामने आया है जहां महिलाओं का सबसे ज्यादा यौन उत्पीडऩ किया जाता है। तीन सालों में आयोग को मिली शिकायतों में गुडग़ांव ने अन्य जिलों को पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2015-16 में जहां आयोग के पास यौन उत्पीडऩ की महज 106 शिकायतें पहुंची थीं। वहीं, वर्ष 2016-17 में आंकड़ा बढ़कर 342 तक पहुंच गया जबकि वर्ष 2017-18 में बीते साल के मुकाबले 321 शिकायतें पहुंचीं, जिनमें बीते साल के मुकाबले सिर्फ 21 का अंतर ही था। हैरानी की बात यह है कि तीन सालों के दौरान गुडग़ांव से यौन उत्पीडऩ की कुल 79 शिकायतें आयोग को मिली हैं।

घरेलू हिंसा वाले जिलों में पंचकूला भी
महिला आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 3 सालों के दौरान घरेलू हिंसा की कुल 461 शिकायतें मिली हैं। मौजूदा वर्ष में घरेलू अत्याचार के मामलों में कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2015-16 में महिलाओं ने 258 शिकायतें की थीं। वर्ष 2016-17 में 112 महिलाओं ने घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई जबकि 2017-18 दौरान 91 महिलाओं ने शिकायत भेजी। घरेलू हिंसा वाले जिलों में सोनीपत,रोहतक, फरीदाबाद,हिसार,पानीपत और गुडग़ांव का नाम तो आगे है ही पंचकूला भी पीछे नहीं है। मौजूदा वर्ष में घरेलू हिंसा को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें पंचकूला और यमुनानगर से मिली हैं।