बेनामी सम्पत्तियां छुपाने का अड्डा बना ये शहर, देशभर के कई नेताओं की संपत्तियां सिमटी यहां !

8/29/2019 10:18:03 AM

गुडग़ांव (पी.मार्कण्डेय): गुडगांव में कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्रोई की प्रॉपर्टी ब्रिस्टल होटल पर कार्रवाई होते ही नेताओं और रसूखदार लोगों में बेचैनी बढ़ गई है।  गुडग़ांव जो ब्यूरोक्रेट के लिए निवेश की पहली पसंद है वहीं यह शहर हरियाणा सहित देशभर के कई नेताओं की सम्पत्तियों को समेटे हुए है। चाहे दिल्ली में सियासी समीकरण गड़बड़ाने का मामला हो या देश में आय से अधिक सम्पत्ति से लेकर कालाधन का मामला हो उसके सूत्र कहीं न कहीं गुडग़ांव से भी जुड़ जाते हैं।

गत 2-3 वर्षों में देखा जाए तो लालू यादव से लेकर राम रहीम और आसाराम तक की प्रॉपर्टी किसी न किसी जांच एजैंसी के राडार पर रही है। आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर विभाग और ईडी ने डी.एल.एफ. फेस वन स्थित होटल ब्रिस्टल में कार्रवाई की और 150 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच कर दिया। गुडग़ांव में इसके अलावा भी कुलदीप बिश्नोई की करोड़ों की प्रॉपर्टी है,जिसका डाटा ईडी और आयकर विभाग खंगाल रहा है। 

उल्लेखनीय है कि बिश्रोई पर सबसे पहले कार्रवाई पिछले माह हुई थी। हिसार से लेकर चंडीगढ़ व पंचकूला स्थित कई प्रॉपर्टियों की जांच ईडी व आयकर विभाग पहले ही कर चुका है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बिश्रोई परिवार की प्रॉपर्टी विदेशों भी होगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता।  

एक साथ हुई थी 13 ठिकानों पर छापेमारी
आयकर विभाग ने इसी साल कुलदीप बिश्नोई के घर और दिल्ली, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में एक समूह के 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी। आयकर विभाग को 200 करोड़ रुपए की अघोषित विदेशी संपत्ति और कर चोरी के सबूत मिले थे। जांच में सामने आया कि बेनामी संपत्ति बिश्नोई और उनके भाई की है। बेनामी संपत्ति लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 की धारा 24 (3) तहत आदेश जारी किए गए थे। विभाग के सूत्रों की मानें तो अचल संपत्तियों के लेनदेन और निर्माण में भारी मात्रा में अज्ञात नकद सौदे हुए हैं। इसके अलावा भारत में अर्जित काला धन विदेशी ट्रस्टों और विदेश में स्थित कंपनियों के नाम पर भव्य संपत्तियां खरीदकर विदेशों में ले जाया गया है।  

नौकरशाहों के लिए निवेश की पहली पसंद गुडग़ांव 
यदि प्रदेश स्तर पर देखा जाए तो हरियाणा सरकार के नौकरशाहों के लिए निवेश की पहली पसंद गुडग़ांव ही है।  यहां पर प्रदेश के करीब 128 आई.ए.एस. 225 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं। इसमें उनकी अपनी निजी संपत्ति,पत्नी और पैतृक संपत्ति में उनका हिस्सा शामिल है। इस बात का खुलासा तब हुआ था जब एक सरकारी आदेश पर उन्होंने खुद अपनी सम्पत्ति का खुलासा किया था। कई अधिकारियों ने तो संपत्ति का केवल खरीद मूल्य ही बताया था जबकि कुछ ने कलैक्टर रेट के आधार पर संपत्ति की वर्तमान कीमत बताई थी। वहीं कुछ ने खेती की भूमि और आवासीय प्रॉपर्टी बताई। गत दिनों डिपार्टमैंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग की वैबसाइट पर आई.पी.आर. रिटर्न के आंकड़ों अनुसार हरियाणा कैडर के 149 अफसरों ने लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट-2013 तहत अपनी अचल संपत्ति घोषित की है। 

कैसे बनाते हैं सफेद धन 
साइबर सिटी में प्रॉपर्टी सर्कल रेट से नहीं बिकते। यहां लोकेशन और खरीददार की हैसियत से दाम तय होता है। सर्कल रेट के हिसाब से प्रॉपर्टी का जितना रेट होता है,उसका तो डीडी देना होता है जिसे सफेद धन मान लिया जाता है।  बची राशि का भुगतान नकद में कर दिया जाता है जिसका कोई  हिसाब नहीं होता है जिसे यह खरीदार और बेचने वाले के बीच आपसी  करार पर तय हो जाता है। इस  लेनदेन को खुदरा बाजार में खपा दिया जाता है।

Isha