...तो क्या गुड़गांव के अधिकारी बन गए हैं क्लर्क, ReImage गुरुग्राम काॅन्फ्रेंस में लोगों ने की ट्रेनिंग की मांग
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 04:11 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूराे): गुड़गांव के अधिकारी हों या सरकारी कर्मचारी सभी धरातल पर काम भूल गए हैं। वह केवल ऑफिसों में फाइल क्लर्क बनकर रह गए हैं। अब उन्हें जरूरत है तो प्रशिक्षण की। नई तकनीक की जानकारी की जिससे गुड़गांव की समस्याओं का समाधान किया जा सके। यह बात हम नहीं बल्कि हाल ही में मिशन 7374 फाउंडशेन द्वारा की गई ReImage गुरुग्राम काॅन्फ्रेंस में पहुंचे रिटायर्ड अधिकारियों, RWA पदाधिकारियों सहित विषय विशेषज्ञों ने कही।
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फाउंडेशन के अध्यक्ष गौरव मलिक ने आज पत्रकारवार्ता कर कहा कि 2 नवंबर को हुई कॉन्फ्रेंस में लोगों ने कहा कि गुड़गांव के अधिकारियों को ट्रेनिंग तो दी गई है, लेकिन यह ट्रेनिंग केवल फाइल मूवमेंट की है। जनता की समस्याओं पर तो चर्चा होती है, लेकिन इसके समाधान पर चर्चा नहीं होती क्योंकि अधिकारियों ने लंबे समय से धरातल पर काम छोड़ा हुआ है और केवल फाइलों को एक टेबल से दूसरे टेबल पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। ऐसे में जरूरत है तो अधिकारियों को नई तकनीक की जानकारी देने और इस तकनीक के साथ समस्याओं के समाधान के लिए नए विकल्प खोजने की। उन्होंने कहा कि इस काॅन्फ्रेंस को करने का उद्देश्य ही यही है कि गुड़गांव की समस्याओं पर चर्चा न हो बल्कि गुड़गांव के विकास और नए गुड़गांव की तकदीर बनाने पर काम हो सके। इसके तहत उनके साथ 150 से भी ज्यादा RWA व संस्थाएं जुड़ी हैं। इसके अलावा कई विभागों के विशेषज्ञ भी आगे आए और उनके साथ जुड़े जिन्होंने अपने सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि संविधान के आर्टिकल 73 और 74 में इस तरह के प्रावधान हैं जिसके तहत यदि कार्य किया जाए तो शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास तेजी से होगा।
उन्होंने कहा कि आज की सरकार को बिल्डर, शराब ठेकेदार और दूसरे ठेकेदार पार्टी के लिए फंड देते हैं। इसके बदले वह अपने काम धंधों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का सहयाेग लेते हैं और इन्हीं के द्वारा ही शहर की सूरत को बिगाड़ने में अपना योगदान दिया है और सरकार भी इनके हाथों की कठपुतली बनी हुई है। इसे अगर खत्म करना है तो गुड़गांव के उन लोगों को साथ जोड़ना होगा जो गुड़गांव के विकास में निष्पक्ष भाव से सहयोग करना चाहते हैं। फाउंडेशन ने गुड़गांव में ऐसे 7 हजार से भी अधिक लोगों की पहचान की है जो किसी न किसी कंपनी में सीईओ, सीएफओ जैसे वरिष्ठ पद पर रह चुके हैं। कई रिटायर्ड अधिकारी और विशेषज्ञ हैं जो गुड़गांव के विकास में निष्पक्ष भाव से अपना योगदान दे सकते हैं और उन्हें इसके बदले सरकार से कुछ नहीं चाहिए। वह चाहते हैं तो युवाओं के लिए ऐसी पॉलिसी तैयार करना जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हों और नए उद्योगों को हरियाणा में स्थापित करने में मदद मिल सके।
वहीं, फाउंडेशन के पदाधिकारी सन्नी दौलताबाद ने कहा कि गुड़गांव के हालात बद से बदत्तर हो गए हैं। गुड़गांव के विकास के लिए कई एजेंसी नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण सहित अन्य विभाग तो बने हुए हैं, लेकिन यह लोगों की समस्याओं का समाधान कराने में नाकाम होते जा रहे हैं। गुड़गांव के विकास के लिए मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी का गठन होना आवश्यक है। नगर निगम एक्ट और हमारे संविधान में इसका जिक्र किया गया है ताकि क्षेत्र का विकास तेजी से हो। यह कमेटी 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहर में बनाई जा सकती है। इसमें प्रत्येक विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि व विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए योजना बनाकर उसे लागू करने का काम यह कमेटी कर सकती है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही समस्याओं के समाधान के लिए किस तरह से काम किया जाना है इसका खाका तैयार किया जा रहा है। 6 महीने में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा और इस फाइनल ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री हरियाणा को सौंपते हुए इसे लागू करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मुहिम केवल गुड़गांव तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे आने वाले दिनों में फरीदाबाद में भी किया जाएगा। धीरे-धीरे इस मुहिम को पूरे हरियाणा में शुरू कर प्रदेश को देश का सबसे बेहतर प्रदेश बनाने के लिए कार्य किया जाएगा।