गुड़गांव पुलिस ने 2500 लोगों के बैंक खाते कराए फ्रीज, जानें वजह
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 05:16 PM (IST)

गुड़गांव,(ब्यूरो): डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक में तकनीकी खामी का लोगों ने जमकर फायदा उठाया। तकनीकी खामी पता चलते ही लोगों ने चार दिनों में 40 करोड़ 22 लाख 32 हजार 210 रुपये की रकम को कंपनी के वॉलेट से निकाल कर ढाई हजार से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी।
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कंपनी को शिकायत मिलने और लोगों के खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर होने पर तकनीकी गड़बड़ी का पता चला। कई घंटों की मशक्कत के बाद कंपनी ने खामी को पकड़ा और उसको दुरुस्त किया गया। हालांकि इस तरीके की तकनीकी खामी कंपनी के सर्वर में साल 2017 अक्टूबर में भी आई थी,तब कंपनी के खाते से लगभग छह हजार लोगों ने 19 करोड़ 60 लाख रुपये निकाल कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया था।
पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान रेवासन निवासी रेहान, उटावड निवासी मोहम्मद शकील, फिरोजपुर झिरका निवासी वकार यूनुस, नगीना निवासी वसीम अकरम, फिरोजपुर झिरका निवासी मोहम्मद आमिर तथा मोहम्मद अंसार के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद 2500 लोगों के बैंक खाते में मौजूद 8 करोड़ रुपए फ्रीज करा दिए हैं।
पुलिस के मुताबिक, पिछले दिनों डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक के सर्वर में तकनीकी खामी आ गई। इसके बाद जिन लोगों ने मोबिक्विक से एक खाते से दूसरे के खाते में रुपयों को ट्रांसफर किया गया, लेकिन जिसने रुपयों को ट्रांसफर किया उसके खाते से रुपये नहीं निकले। यह रुपये मोबिक्विक के वॉलेट से निकल गए। वहीं दूसरी तकनीकी खामी यह आई कि ट्रांसफर करते वक्त अगर किसी ने गलत पिन डालने पर भी दूसरे के खाते में रुपये ट्रांसफर हो गए। ऐसे में कंपनी का आरोप है कि लोगों ने इस तकनीकी खामी का फायदा उठाकर कंपनी के रुपयों की चोरी और धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।
तकनीकी गड़बड़ी का पता चलते ही में गुरुवार रात मोबिक्विक वॉलेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों के खाते में अचानक से लाखों रुपए आ गए। बिना लेन-देन करे ही अचानक रकम ऐप के वॉलेट में दिखाई देने पर लोग कैश कराने पहुंच गए। कुछ ने बड़े दुकानदारों, व्यापारियों और पेट्रोल पंपों पर मोबिक्विक ऐप के वॉलेट से उनके खाते में रुपये भेजकर ट्रांजैक्शन कर उनसे नकद ले लिया। इस नकद की एवज में व्यापारियों को मोटा कमीशन भी दिया गया। कुछ ने तो 50 प्रतिशत तक का ऑफर दे डाला। एक मेडिकल स्टोर संचालक के खाते में तो एक करोड़ रुपए भी आए। इसके अलावा दो अन्य लोगों के वॉलेट में साढ़े सात लाख रुपए आ गए। नूंह से लेकर पलवल तक रात में यह खेल चलता रहा।
गुरुवार देर करीब तीन बजे लोगों के मोबिक्विक ऐप के वॉलेट में लाखों से लेकर करोड़ों रुपये दिखाई देने लगे, जबकि उन्होंने इसका कोई लेनदेन नहीं किया था। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल हुआ कि मोबिक्विक से स्कैनर के जरिए लेनदेन करने पर पुराने उधार खुद ही चुकता हो जाएगा और दुकानदारों के खाते में रकम जमा हो जाएगी। जिन लोगों ने यह मैसेज देखा वो तुरंत बाजार की तरफ भागे। किसी ने पेट्रोल पंप पर जाकर पेट्रोल भरवाया। ज्यादा का ट्रांजैक्शन कर कैश ले लिया। इसके अलावा कई लोग दुकानदारों और व्यापारियों के पास पहुंच गए। उन्हें 50 प्रतिशित तक का ऑफर देकर कैश ले लिया। व्यापारियों ने मौका भुनाते हुए धड़ाधड़ नकदी भी दी।
ट्रांजैक्शन केवल मोबिक्विक ऐप के ही लोगों के बीच हो रही थी। किसी प्लेटफार्म जैसे फोन पे या गूगल पे पर नहीं। इसके अलावा दूसरी खास बात यह भी थी कि जैसे ही एक व्यापारियों के मोबिक्विक वॉलेट में रुपए ट्रांसफर करता, वैसे ही ऐप से जुड़े साउंड बॉक्स से पेमेंट सक्सेसफुल की आवाज आ जाती। सुबह तक ऐसा खेल चलता रहा।
नूंह के मरोड़ा निवासी बताया कि उसके घर के पास जलेबी बनाने वाले की दुकान है। वह भी मोबिक्विक ऐप प्रयोग करता है। शुक्रवार की सुबह जब उसने अपना मोबिक्विक वॉलेट चेक किया तो उसमें 24 लाख रुपए मिले। इतनी बड़ी रकम देखकर वह डर गया। तुरंत मेरे पास आया और मामले की जानकारी दी। मरोड़ा निवासी का एक मेडिकल स्टोर है। गुरुवार-शुक्रवार की रात उसके मोबिक्विक वॉलेट में 1.13 करोड़ रुपए शो होने लगे। यह देख उसने तुरंत पुलिस से संपर्क साधा। पुलिस ने उससे कहा कि वॉलेट से छेड़छाड़ मत करना, यह फ्रॉड हो सकता है, हमने आपकी शिकायत दर्ज कर ली है, जांच कर रहे हैं। वहीं, मामले में जब गुड़गांव पुलिस को 40 करोड रुपए के फ्रॉड की शिकायत मिली तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उक्त छह आरोपियों को काबू कर लिया और 2500 लोगों के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया।