मिशन पंजाब पर बोले गुरनाम चढूनी- मैं नहीं लड़ूंगा चुनाव, आम लोग लड़ेंगे

9/13/2021 10:02:38 AM

सिरसा (सतनाम): संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से सिरसा की अनाज मंडी में किसान, मजदूर, व्यापारी, युवा महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस महासम्मेलन में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, जोगिंदर सिंह उग्राहा, अतुल अंजान ने खास तौर पर शिरकत की। सम्मेलन में हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए। इस मौके पर किसान नेताओ ने केंद्र व हरियाणा सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि किसान आंदोलन केंद्र सरकार के राज हठ के खिलाफ एक मुहिम है।


 
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सम्मेलन में हजारों लोगों के शिरकत करना ये साबित करता है कि लोग सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं। चढूनी ने कृषि कानूनों को वापिस नहीं लेने के सरकार के रवैये पर दुर्योधन और रावण  का उदाहरण देते हुए निशाना साधते हुए कहा कि ये राजहठ है, पांडवों ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, लेकिन उसने नहीं दिए उसका नतीजा ये हुआ राज भी गया और परिवार भी गया। इसी तरह रावण ने भी सीता को लौटने से इंकार कर दिया था राजहठ किया उसका परिवार भी गया राज भी गया, यही हाल मोदी सरकार का है हम सरकार से मांग नहीं रहे जो हमारा है वो न छीना जाये यही मांग है। यदि सरकार नहीं मानेगी तो किसान चुप नहीं बैठेगा। इसका नुकसान सरकार को होगा किसान की जीत होगी। 

वही पंजाब में राजनितिक पार्टियों से मीटिंग पर चढूनी ने कहा कि उन्हें केवल यही कहा गया है कि जब तक चुनाव की घोषणा न हो कोई राजनितिक पार्टी रैली न की जाए इससे आंदोलन पर प्रभाव पड़ता है। चढूनी ने कहा कि पंजाब में मिशन पंजाब चलाया जाए। किसानों को सभी राजनितिक पार्टियों ने लूटा है और आज कनपटी पर पिस्तौल लगा कर नहीं कानून बना कर लुटा जा रहा है, इसलिए इनसे राज छीन लेना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि वे पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेंगे, आम लोग चुनाव लड़ेंगे उन्हें हम इकठ्ठा कर रहे हैं। मिशन पंजाब मेरा निजी विचार है संयुक्त मोर्चे का नहीं। 



इसके साथ चढूनी ने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा जब तक कानून वापिस नहीं होते चाहे सरकार जितने भी अत्याचार कर ले। हरियाणा में गन्ने के बढ़े रेट को नाकाफी बताते हुए चढूनी ने कहा कि अगर प्रदेश का मुख्यमंत्री दमदार है तो पंजाब के बराबर 50 रुपए गन्ने रेट बढ़ाये किसान उनका मुंह मीठा करवाने जरूर जाएंगे। 

वहीं किसान नेता जोगिंद्र सिंह उग्राहा ने कहा कि किसान आंदोलन में हरियाणा के किसानों की अहम भागेदारी है। करनाल में हुई लाठीचार्ज डिक्टेटरशिप थी, लेकिन वो मोर्चा हम जीत चुके हैं। चंडीगढ़ में किसान जत्थेबंदियों से राजनीतिक दलों की मीटिंग पर उग्राहा ने कहा कि वो 32 जत्थेबंदियों का प्रोग्राम था राजनीतिक पार्टियों के साथ उन्होंने अपनी समझ के हिसाब से बात की है इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में उनसे ही सवाल पूछा जा सकता है। उग्राहा ने कहा कि किसान मोर्चे का अगला मिशन यूपी, उत्तराखंड, पंजाब के साथ-साथ ऑल इंडिया मिशन है। 2022 में पहले उत्तराखंड बाद में यूपी जाएंगे। वहां हम लोगों को बताएंगे कॉपोरेट को कैसे ये सरकार फायदा पहुंचा रही है। 
 

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Content Writer

vinod kumar