गुरुग्राम : दोगुनी हुई शहर में आक्सीजन की मांग, पहली बार बढ़ी है डिमांड
4/19/2021 12:00:20 PM
गुडग़ांव : शहर के अस्पतालों में आक्सीजन की मांग बढ़ गई है। कोरोना काल में वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों के लिए रोजाना 600 से 800 आक्सीजन सिलिंडर की रिफिलिंग की जा रही है। वैसे तो शहर के अधिकतर बड़े अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट पहले से लगे हुए हैं। जबकि इस सप्ताह एक और आक्सीजन प्लांट की स्थापना मानेसर में शुरू कर दी जाएगी। मैडिकल हब के रूप में उभर रहे शहर में तकरीबन 280 से अधिक छोटे बड़े अस्पताल हैं। जिसमें सभी बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों में कोविड मरीजों के भर्ती व उपचार की जिम्मेदारी सरकार ने अपने हाथों में ले रखी है।
बताया गया है कि कोविड मरीजों से अस्पताल भरे पड़े है है। जिसकी वजह से आक्सीजन की मांग व उसकी आपूर्ति दोनो में इजाफा हुआ है। इतना ही नही मैडिकल हब होने के कारण यहां पर उत्तर भारत से लेकर दिल्ली एनसीआर के मरीज यहां पर अपना इलाज करवा रहे हंै। अधिकतर मरीज कोरोना संक्रमित होने के कारण उनकी जान बचाने के लिए आक्सीजन की मांग व उत्पादन में दोगुने स्तर पर पहुंच गई है।
विदेशी भी उपचाराधीन
केवल एनसीआर ही नही बल्कि बड़ी संख्या में यहां विदेशी भी अपना इलाज करवा रहे है। जिसमें प्रमुख रूप से तेहरान, इरान, इराक, अफगानिस्तान, सउदी अरब, दुबई, कोलंबों सहित कई देशों के मरीज इलाज के लिए आए हैं। अधिकारियों की मानें तो मैडिकल वीजा पर आए इन मरीजों का मेदांता, फोर्टिस, आर्टिमिस, पारस, सिग्रेचर, पार्क व कोलंबिया एशिया अस्पताल में किया जा रहा है।
मैडिकल आक्सीजन के मानक?
अधिकारियों के मुताबिक देश में बनने वाले अधिकतर आक्सीजन सिलेंडर 93 प्रतिशत प्रति आई.पी (इंडियन फर्मास्युटिकल) द्वारा निर्मित होते हैं। सभी सिलेंडरों पर इसका प्रिंट भी निर्धारित होता हैं। उन्होने बताया कि इसी तरह अमेरिकी अस्पतालों में ए.पी.(अमेरिकन फर्मास्युटिकल) व बिट्रेन में बने सिलेंडरो पर (बी.पी.) का प्रिंट मार्क निर्धारित किया गया हैं।
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